बुत में खड़े दिखाई देंगे भजनलाल, राजस्थान-हरियाणा सहित कई राज्यों में लगेंगी आदमकद प्रतिमाएं
हरियाणा के पूर्व सीएम रहे स्व. भजन लाल की देशभर में 11 आदमकद प्रतिमाएं लगेंगी। इन्हें अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की ओर से तैयार करवाया जा रहा है। राजस्थान के मुक्ति धाम मुकाम से प्रतिमा लगाने की शुरुआत होगी।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़ हरियाणा के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों देवीलाल और बंसीलाल की तर्ज पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल की भी आदमकद प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। देश भर में भजनलाल की 11 प्रतिमाएं लगाने का प्रारूप तैयार किया गया है। भजनलाल की यह प्रतिमाएं धातु की होंगी और इन्हें पुणे में बनवाया जा रहा है। कुछ प्रतिमाएं बनकर तैयार हो गई तो कुछ पर काम चल रहा है। भजनलाल की सबसे पहली आदमकद प्रतिमा राजस्थान के मुकाम स्थित मुक्ति धाम के सामने बने पार्क में लगेगी।
मुकाम में बिश्नोई समाज का सबसे बड़ा धाम है। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने स्व. भजनलाल की इन प्रतिमाओं को देश के विभिन्न राज्यों में लगाने का प्रारूप तैयार किया है। भजनलाल के छोटे बेटे पूर्व सांसद एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई बिश्नोई महासभा के संरक्षक हैं। इस महासभा से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गोवा समेत विभिन्न राज्यों में रहने वाले बिश्नोई समाज के लोग जुड़े हुए हैं। देवीलाल और बंसीलाल की प्रतिमाएं उनके राजनीतिक अनुयायियों, समर्थकों व परिवार के सदस्यों ने स्थापित की हैं।भजनलाल ऐसे पहले नेता हैं, जिनकी प्रतिमाएं उनके समाज के लोग लगा रहे हैं। इसमें राजनीति कम और सामाजिक भाव ज्यादा है।
भजनलाल तीन बार 1979, 1982 और 1991 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह एक बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुके। छह अक्टूबर 1930 को जन्मे भजनलाल का देहावसान तीन जून 2011 को हुआ था। 2004 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने भजनलाल के नेतृत्व में लड़ा था और पार्टी भारी बहुमत से जीती थी, लेकिन तब हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बना दिया था। इससे नाराज होकर भजनलाल ने हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां बीएल) के नाम से अलग पार्टी बना ली थी। भजनलाल के देहावसान के बाद उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने यह पार्टी चलाई। अब इसका कांग्रेस में विलय हो चुका है। भजनलाल हरियाणा में कुल 3952 दिन तक मुख्यमंत्री रहे।
भजनलाल की प्रदेश में गैर जाट मुख्यमंत्री के रूप में बड़ी पहचान रही है। उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई भी अपने पिता की राह पर हैं। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष रामस्वरूप मांजू के अनुसार स्व. भजनलाल की सबसे पहली प्रतिमा मुकाम स्थित मुक्ति धाम में लगेगी। दूसरी प्रतिमा हिसार में लगाई जाएगी। तीसरी प्रतिमा राजस्थान के जांबा में लगाई जाएगी, जहां पानी से भरा बड़ा तालाब है। इस तालाब की खासियत यह है कि राजस्थान में भले ही कितना भी सूखा रहे, लेकिन भगवान जंभेश्वर के प्रताप से यह हमेशा लबालब रहता है। चौथी प्रतिमा गुरुग्राम में बन रहे आठ मंजिले स्व. भजनलाल स्मृति भवन में लगाई जाएगी।
राजस्थान और हरियाणा में रहा भजनलाल का दबदबा
आदमपुर के विधायक एवं बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने भी अपने पिता की 11 आदमकद प्रतिमाएं लगाए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में चार और हरियाणा में तीन प्रतिमाएं लगाने की योजना है। हाल ही में बिश्नोई महासभा की बैठक हुई है, जिसमें 292 सदस्यों में से 248 ने भागीदारी कर स्व. भजनलाल के समाज के प्रति किए गए कार्यों पर मुहर लगाई है। बता दें कि बिश्नोई समाज के लोग जिस तरह स्व. भजनलाल की बात माना करते थे, ठीक उसी तरह अब कुलदीप बिश्नोई की बात को वजन देते हैं। राजस्थान में 37 विधानसभा सीटें और चार लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां बिश्नोई समाज निर्णायक भूमिका में है। हरियाणा की सभी 90 सीटों पर भजनलाल का राजनीतिक रहा।