हरियाणा में अब युवा निजी कालेजों में भी नहीं कर सकेंगे JBT, सरकार ने दिए नए सत्र में दाखिले न करने के निर्देश

हरियाणा में डाइट के बाद अब सभी 342 निजी कालेजों को नए सत्र में डीएलएड में दाखिले नहीं देने का निर्देश दिया गया है। इस कोर्स को अब जेबीटी के नाम से जाना जाता है। राज्य में जेबीटी शिक्षक सरप्लस हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 07:46 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 08:46 AM (IST)
हरियाणा में अब युवा निजी कालेजों में भी नहीं कर सकेंगे JBT, सरकार ने दिए नए सत्र में दाखिले न करने के निर्देश
हरियाणा में जेबीटी कोर्स खत्म। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अगले चार साल में नई शिक्षा नीति को लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही प्रदेश सरकारउन कोर्सों को चिह्नित कर रही है, जो मौजूदा दौर में फिट नहीं बैठ रहे। इसी कड़ी में सरकारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) के बाद अब निजी कालेजों में भी डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) कोर्स को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है।

हरियाणा में इस कोर्स को जेबीटी के नाम से जाना जाता है। प्रदेश में 342 निजी कालेजों में यह कोर्स कराया जाता है। इसके अलावा 22 डाइट में यह कोर्स कराया जा रहा था, जिसे पहले ही बंद किया जा चुका है। सभी निजी कालेजों को नए सत्र में दाखिले नहीं करने का निर्देश दिया गया है। प्राइवेट कालेजों में इस कोर्स की 21 हजार सीटें हैं। डीएलएड कोर्स बंद करने के निर्णय से निजी कालेजों में लगे 3456 शिक्षकों तथा करीब 1800 गैर-शिक्षक स्टाफ को अपने भविष्य पर खतरा मंडराता दिख रहा है।

2012 में हुई थी अंतिम बार जेबीटी शिक्षकों की भर्ती

हरियाणा में आखिरी बार जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों की भर्ती वर्ष 2012 में करीब 9870 पदों पर हुई थी। शिक्षा विभाग पहले ही प्राथमिक शिक्षकों को सरप्लस बता रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी विधानसभा में कह चुके हैं कि नई शिक्षा नीति में परंपरागत प्राथमिक शिक्षकों की जरूरत नहीं है।

प्राइवेट कालेज संचालक सरकार के नाराज

वहीं, डीएलएड कोर्स को बंद करने के फैसले से प्राइवेट कालेज संचालक नाराज हैं। उनका तर्क है कि डीएलएड से लेकर पीएचडी और आइटीआइ सहित इंजीनियरिंग तक सभी कोर्सों के डिग्री व डिप्लोमा होल्डर्स की संख्या सरप्लस है। क्या इन सभी कोर्सों को बंद कर दिया जाए। जेबीटी बंद करने से प्रदेश के युवाओं को इस कोर्स के लिए दूसरे प्रांतों का रुख करना पड़ेगा।

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