हरियाणा में आढ़तियों को ब्याज के साथ मिलेगा रुका हुआ पैसा, खातों का सत्यापन शुरू

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने राज्य में गेहूं खरीद की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अफसरों को निर्देश दिए कि आढ़तियों को पिछले सीजन की लंबित आढ़त और मजदूरी के भुगतान पर ब्याज दिया जाए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 02:13 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 02:13 PM (IST)
हरियाणा में आढ़तियों को ब्याज के साथ मिलेगा रुका हुआ पैसा, खातों का सत्यापन शुरू
हरियाणा में आढ़तियों को ब्याज के साथ मिलेगा रुका हुआ पैसा। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियााणा में आढ़तियों की हड़ताल के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को प्रदेश भर में गेहूं खरीद के बंदोबस्त की समीक्षा की। जिला उपायुक्तों के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि किसानों को गेहूं की बिक्री के लिए मैसेज भेजने से लेकर फसल बेचने तक किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने आढ़तियों को पिछले सीजन की लंबित आढ़त और मजदूरी के भुगतान पर ब्याज देने के आदेश दिए।

आढ़तियों को बची हुई आढ़त, रुकी हुई पेमेंट और मजदूरी के रुके हुए भुगतान पर ब्याज वीरवार से ही मिलना शुरू हो जाएगा। इन आढ़तियों की बची हुई पेमेंट का भुगतान ब्याज के साथ होगा। खातों को सत्यापन के लिए आढ़तियों के पास भेजा जा रहा है। मुख्यंत्री ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ वीडियो कान्फ्रेंस में जिलावार गेहूं खरीद की तैयारियों की समीक्षा की।

मंडियों में सफाई और पानी के साथ-साथ बारदने व गेहूं के उठान की तुरंत व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार 80 से 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आने की संभावना है। 10 अप्रैल से गेहूं की आवक में तेजी हो जाएगी। हालांकि मंडियों में सरसों की आवक भी होगी, लेकिन किसानों को चूंकि प्राइवेट मार्केट में सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिल रहे हैं, इसलिए किसान वहां अपनी सरसों की फसल बेच रहे हैं।

यदि किसान प्राइवेट बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम मिलने के कारण मंडियों में फसल लाते हैं तो उसकी खरीद की जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों में शिवधान नवीनीकरण योजना की समीक्षा की और रुके हुए कार्यों को तेजी के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट के बारे में भी फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने बरसात का पानी सहेजने के लिए कार्य योजना बनाने के भी निर्देश जिला उपायुक्तों को दिए हैं। 

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