फसल बीमा का खेल: इंश्‍योरेंस कंपनियों ने किसानों से दो साल में कमाए 16 हजार करोड़

हरियाणा में किसानों का फसल बीमा योजना के प्रति लगाव बढ़ रहा है। बीमा कंपनियों ने पिछले दो साल में इस योजना से करीब 16 हजार करोड़ रुपये कमाए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 02:09 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 02:12 PM (IST)
फसल बीमा का खेल: इंश्‍योरेंस कंपनियों ने किसानों से दो साल में कमाए 16 हजार करोड़
फसल बीमा का खेल: इंश्‍योरेंस कंपनियों ने किसानों से दो साल में कमाए 16 हजार करोड़

चंडीगढ़, [अनुराग अ्ग्रवाल]। हरियाणा में फसल बीमा योजना के प्रति किसानों का लगाव लगातार बढ़ रहा है। कई राज्‍यों में इस बीमा योजना के प्रति किसानों के खास लगाव नहीं हाेेने की बातों के बीच हरियाणा इस मामले में अपवाद साबित हो रहा है। हरियाणा में पिछले दो साल में बीमा कंपनियों ने फसल बीमा योजना से करबी 16 हजार करोड़ रुपये की कमाई की है।

हरियाणा में बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

विपक्ष के तमाम तरह के सवालों के बावजूद हरियाणा में किसान फसल बीमा योजना को अपना रहे हैं, वहीं भाजपा शासित चार राज्यों में दो साल के भीतर एक करोड़ से अधिक किसानों ने फसल बीमा योजना से कन्नी काट ली है। यह योजना बीमा कंपनियों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। सरकारी क्षेत्र की एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया (एआइसी) के अलावा निजी क्षेत्र की कुल दस कंपनियों ने फसल बीमा योजना के तहत करीब 15 हजार 795 करोड़ रूपये कमाए हैं।

चार बड़े राज्यों में एक करोड़ से अधिक किसानों ने खुद को योजना से अलग किया

चार बड़े राज्यों मध्य प्रदेश में 40.47 लाख,  राजस्थान में 31.25 लाख, महाराष्ट्र में 19.47 लाख तथा उत्तर प्रदेश में 14.69 लाख किसानों ने फसल बीमा योजना से खुद को अलग कर लिया है। वर्ष 2016-17 में बीमा कंपनियों की औसत कमाई प्रति माह 538.30 करोड़ रुपये रही। वर्ष 2017-18 में यह औसत कमाई बढक़र 778 करोड़ रूपये प्रतिमाह हो गई। वर्ष 2016-17 में 5.72 करोड़ कुल किसान बीमाकृत किए गए तो वर्ष 2017-18 में इनकी संख्या 85 लाख घटकर 4.87 करोड़ रह गई।

बीमा कंपनियों को वर्ष 2016-17 में वार्षिक मुनाफा 6459.64 करोड़ रूपये हुआ तो वर्ष 2017-18 में बीमा कंपनियों के इस मुनाफे में 150 प्रतिशत की वृद्धि होकर यह राशि कुल 9335.62 करोड़ रूपये हो गई। पंजाब राज्य में यह योजना लागू नहीं है वरना बीमा कंपनियों की तिजौरी और भी ज्यादा भर जाती। गुजरात में दो वर्षों में बीमा कंपनियों के लाभ में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। वर्ष 2016-17 में बीमा कंपनियों ने गुजरात में मात्र 40.16 करोड़ रूपये मुनाफा कमाया तो वर्ष 2017-18 में यह कमाई 2222.58 करोड़ रूपये पहुंच गई।

गुजरात में न्यू इंडिया कंपनी ने अकेले 1429 करोड़ रूपये कमाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बीमा करने के लिए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कुल दस निजी कंपनियों व भारत सरकार की एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी ऑफ इंडिया को अधिकृत कर रखा है।

वर्ष 2016-17 में बीमा कंपनियों के कुल मुनाफे में सर्वाधिक 2610.60 करोड़ रूपये का मुनाफाा कमाने वाली सरकारी क्षेत्र की एकमात्र कंपनी एआइसी द्वारा अगले वर्ष 2017-18 में एक भी किसान का बीमा न कर पाना दाल में काले के समान है। दो वर्षों के दौरान न्यू इंडिया कंपनी को सर्वाधिक 2226 करोड़ रूपये मुनाफा हुआ। एचडीएफसी को 1817.74 करोड़ व रिलायंस कंपनी को कुल 1461.20 करोड़ रूपये का मुनाफा हुआ।

देशभर में किसान घटते जा रहे और मुनाफा बढ़ता जा रहा

पानीपत के आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की उपायुक्त कामना आर० शर्मा ने यह आंकड़े उपलब्ध कराए हैं। उनके अनुसार बीमाकृत किसान घटते जा रहे हैं और बीमा कंपनियों के मुनाफे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2016-17 में कुल 17,902.47 करोड़ रूपये मुआवजा राशि देने के बावजूद भी बीमा कम्पनियों नेे कुल 6459.64 करोड़ रूपये का मुनाफा कमाया। वर्ष 2017-18 में किसानों को कुल 15,710.25 करोड़ रूपये मुआवजा राशि अदा की गई, जबकि बीमा कंपनियों को कुल 9335.62 करोड़ रूपये का लाभ मिला।

हरियाणा में किसान भी बढ़े और कमाई भी

भाजपा शासित हरियाणा में दो वर्ष मेें बीमाकृत किसानों की संख्या में 15,228 की वृद्धि हुई। वर्ष 2016-17 में बीमाकृत किसानों की कुल संख्या 13,36,028 थी वहीं वर्ष 2017-18 में यह बढक़र 13,51,256 हो गई। वर्ष 2016-17 में किसानों से कुल 364.39 करोड़ रूपये प्रीमियम राशि वसूल कर उन्हें कुल 292.55 करोड़ रूपये की मुआवजा राशि दी गई। बीमा कंपनियों को वर्ष 2016-17 में कुल 71.83 करोड़ का लाभ हुआ। वर्ष 2017-18 में बीमा कंपनियों ने कुल 453 करोड़ रूपये का प्रीमियम वसूला जबकि किसानों को मुआवजेे में 358 करोड़ रूपये देकर कुल 95 करोड़ रूपये कमाए।

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