हरियाणा सरकार का अहम फैसला- रोडवेज की बसों बनाया जाएगा मोबाइल अस्पताल और एंबुलेंस
Haryana Cabinet Meeting हरियाणा में कोरोना से लड़ाई के लिए माेबाइल अस्पतात बनेंगे। इसके लिए हरियाणा रोडवेज की बसों को मोबाइल अस्पताल और एंबुलेंस का रूप दिया जाएगा। यह फैसला कैबिनेट और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में किया गया।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में कोरोना से लड़ी जा रही जंग में सरकार ने संसाधन बढ़ाने का अहम फैसला लिया है। प्रदेश सरकार जहां मिनी बस एंबुलेंस सेवा शुरू कर चुकी है, वहीं अब रोडवेज की बड़ी बसों को चलते-फिरते अस्पताल तथा एंबुलेंस में तबदील किया जाएगा। यह मोबाइल अस्पतालनुमा बसें प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के आसपास तैनात रहेंगी, जहां से उन्हें जरूरत वाले स्थानों पर मरीजों के ईलाज के लिए रवाना किया जा सकेगा। वैसे 110 मिनी बसों को एंबुलेंस का रूप दिया गया है।
हरियाणा मंत्री समूह की बैठक में बनी कोविड से लड़ने की अगली रणनीति
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अपनी कैबिनेट के मंत्रियों और प्रशासनिक सचिवों के साथ हुई बैठक में कोरोना के विरुद्ध जंग की रणनीति को धार दी गई। कुछ मंत्री प्रत्यक्ष रूप से तो अधिकतर वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों में भय पैदा कर रही है। सरकार के पास कोरोना से लड़ाई के तमाम संसाधन मौजूद हैं। हमें उनका इस्तेमाल करते हुए लोगों को ज्यादा से ज्यादा राहत प्रदान करनी है। इस कार्य में सांसद और विधायकों के साथ ही पार्टी के लोग भी आगे बढ़कर काम करें।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री मनोहरलाल व अन्य मंत्री। ()
प्रशासनिक सचिवों से हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में आइसोलेशन सेंटर बढ़ाने, टेस्टिंग लैब स्थापित करने और व्यापक टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए। हरियाणा सरकार को केंद्र से टीके की डोज मिलने की आस है। इसके बाद टीकाकरण अभियान में तेजी आ सकेगी। हालांकि हरियाणा अभी भी टीकाकरण में पांचवें नंबर पर है।
मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को बताया कि प्रदेश में आक्सीजन और आवश्यक दवाओं की पर्याप्त मात्रा है। इन्हें मांग के अनुसार वितरित किया जा रहा है। अभी भी करीब 2600 बेड अस्पतालों में खाली हैं। जितने मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं, उतने ठीक भी हो रहे हैं। आक्सीजन का कोटा भी हमारे पास पर्याप्त है।
बैठक में सुझाव आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को तुरंत आदेश जारी किए। इन जांच शिविर के लिए आठ हजार टीमें पहले ही गठित की जा चुकी हैं, जिनकी सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में जिला उपायुक्तों को बेड की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। हर जिले में कम से कम 20 से 100 अतिरिक्त बेड का इंतजाम करने को कहा गया है। समाजसेवी संगठन भी अब धीरे-धीरे समाजसेवा के लिए आगे आ रहे हैं।
हरियाणा के हर जिले में अगले दो दिन में विलेज आइसोलेशन सेंटर
इसके साथ ही राज्य के गांवों में हाल ही में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी उपायुक्तों को अगले दो दिन के अंदर हर जिले में 50 या इससे अधिक गांव (यदि हॉटस्पॉट हैं) में विलेज आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने और कार्रवाई रिपोर्ट महानिदेशक, विकास एवं पंचायत के कार्यालय को ईमेल पर भेजने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उपायुक्तों द्वारा जिले के हाट स्पॉट में प्राथमिकता आधार पर 'विलेज आइसोलेशन सेंटर' स्थापित किए जाएंगे। जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसके लिए नोडल अधिकारी होंगे तथा डीडीपीओ और बीडीपीओ इन आइसोलेशन सेंटर को स्थापित करने में उपायुक्तों की सहायता करेंगे। इसके अलावा, विलेज आइसोलेशन सेंटर की स्थापना और पर्यवेक्षण के लिए ग्राम सचिवों की सेवाओं का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सचिवों और बीडीपीओ द्वारा स्थापित स्थानीय ग्राम समितियां इन आइसोलेशन सेंटर का रोज सुपरविजन करेंगी। गांवों में आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने के लिए जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समग्र नोडल अधिकारी होंगे और वे इस संबंध में दैनिक रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजेंगे।
मनोहर लाल ने बताया कि जिला परिषद के सीईओ, डीडीपीओ और बीडीपीओ द्वारा सीएमओ और उपायुक्त के परामर्श से, पहले चरण में 50 हॉट-स्पॉट गांवों की पहचान की जाएगी। शौचालय और बिजली की सुविधा वाले भवनों जैसे-स्कूल, पंचायत घर या सामुदायिक केंद्र, को विलेज आइसोलेशन सेंटर में तब्दील किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आइसोलेशन सेंटर में बेड, ट्रिपल लेयर्ड मास्क और बोतल डिस्पेंसर के साथ हैंड सेनिटाइजर व स्टीमर तथा समुदाय से या हायर बेसिस पर मरीजों के लिए खानपान सुविधा होनी चाहिए।