IAS सोनल गोयल के बढ़ रहे कद्रदान, पग घुंघरू बांध सीख रहीं कथक, पढ़ें... हरियाणा की और भी रोचक खबरें

राजनीति व ब्यूरोक्रेसी में कई ऐसी खबरें होती हैं जो अक्सर सुर्खियों में नहीं आती। आइए साप्ताहिक कालम सत्ता के गलियारे से केे जरिये कुछ ऐसी खबरों पर नजर डालते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 12:58 PM (IST)
IAS सोनल गोयल के बढ़ रहे कद्रदान, पग घुंघरू बांध सीख रहीं कथक, पढ़ें... हरियाणा की और भी रोचक खबरें
IAS सोनल गोयल के बढ़ रहे कद्रदान, पग घुंघरू बांध सीख रहीं कथक, पढ़ें... हरियाणा की और भी रोचक खबरें

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। त्रिपुरा कॉडर की आइएएस अधिकारी हैं सोनल गोयल। मूलरूप से झज्जर की रहने वाली गोयल ने प्रतिनियुक्ति पर हरियाणा में तीन साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन उनका मन यहां से जाने का नहीं करता। प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़वाने की तमाम कोशिशों के बावजूद बात बन नहीं पाई और उन्हेंं फिर से त्रिपुरा कॉडर में लौटने के आदेश जारी हो गए।

बहरहाल, गृह प्रदेश में कुछ और समय बिताने के लिए उन्हेंं छुट्टी लेनी पड़ गई। अब खाली समय में वे कथक सीख रही हैं। पैरों में घुंघरू बांधकर नृत्य करती सोनल की नई कला के कद्रदानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर युवा आइएएस के समर्थकों की लंबी फौज है जो प्रशासनिक क्षेत्र में उनके द्वारा किए हर कार्य को शेयर करते हैं। लॉकडाउन के दौरान सोनल के काम की खूब तारीफ हुई जिन्होंने बसों को मोबाइल किराने की दुकान में बदल दिया था।

धनखड़ चाहें सॉलिड मीडिया मैनेजमेंट

हरियाणा भाजपा में नए अध्यक्ष की ताजपोशी के बाद अब महामंत्री बनने की होड़ है। हालांकि पार्टी प्रभारी और संगठन महामंत्री भी बदले जाने हैं, हालांकि इन दोनों पदों पर कौन आएगा, यह तो शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा। प्रदेश के कई दिग्गज महामंत्री पद पर नजर टिकाए हैं और अपने अपने तरीके से प्रयास भी कर रहे हैं। हरियाणा में वर्षों से तीन महामंत्री बनाने की परंपरा रही है। पिछली बार तीनों महामंत्री तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद के थे। लेकिन इस बार ओमप्रकाश धनखड़ की ही चलेगी, इसलिए अब प्रदेश भाजपा जल्द नए तेवर-कलेवर में दिखेगी, क्योंकि बरोदा उपचुनाव सिर पर है। प्रदेश अध्यक्ष की कोशिश इससे पहले ही संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की है, ताकि उपचुनाव फतेह किया जा सके। सो, धनखड़ ऐसे लोगों की तलाश में हैं जो सांगठिनक रूप से तो दक्ष हों ही, मीडिया मैनेजमेंट के मास्टर हों।

जांच की आंच में जरूर झुलसेंगे घोटालेबाज

प्रदेश में करोड़ों के शराब घोटाले की जांच को लेकर गठित विशेष जांच दल की रिपोर्ट पर सियासी घमासान छिड़ा है। विपक्षी दलों की तो बात समझ आती है, लेकिन सरकार में शामिल अपनों ने ही कुछ इस अंदाज में सवाल उठाए कि दाल में कुछ काला नजर आता है। यक्ष प्रश्न यह कि आइएएस टीसी गुप्ता की अगुआई वाली जांच समिति का फोकस आखिर पिछले साल हुईं एफआइआर पर ही केंद्रित होकर क्यों रह गया। एसईटी के निशाने पर आबकारी महकमा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला थे या पर्दे के पीछे कोई ओर। रिपोर्ट में कई निहितार्थ छिपे हैं। पूरी रिपोर्ट पर गृहमंत्री अनिल विज के अपने तर्क हैं और दुष्यंत के अलग। खुद के महकमे को पाकसाफ साबित करने में जुटे दुष्यंत जहां विज के विभाग पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं गृहमंत्री कहते हैं कि जांच की आंच में वे लोग जरूर झुलसेंगे, जिन्होंने घोटाला किया है।

बेटा तो बेटा है

बागड़ चौधरी के सुर आजकल बदले हुए हैं। नहीं समझे, अरे अपने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, जिन्होंने आइएएस बेटे को राजनीति में फिट करने के लिए राज्यसभा की सदस्यता भी छोड़ दी। हालांकि बेटे को सांसद से पीएम मोदी का मंत्री बनाने का सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। मोदी कैबिनेट में हरियाणा के हिस्से की सीट खाली कराने की खातिर कद्दावर जाट नेता ने राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए जमकर लॉबिंग की, लेकिन दांव चला नहीं। आलाकमान ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इस पर चौधरी साहब ने भी तुरंत रणनीति बदल दी। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह हाईकमान के फैसले की प्रशंसा करते नजर आते हैं। चूंकि बेटा तो बेटा है और उसे केंद्र सरकार में एडजस्ट करना है, इसलिए नए सिरे से दिल्ली दरबार की परिक्रमा और धनखड़ से संबंध बेहतर करने में जुटे हैं।

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