फरीदाबाद व गुरुग्राम सहित हरियाणा में कालोनी निवासियों व घर खरीदने वालों को राहत, आवासीय संघ व बिल्डर की मनमानी होगी खत्‍म

Amendment in residential law हरियाणा में अब घर खरीदना आसान हाे जाएगा। हरियाणा सरकार अपना घर खरीदने वालों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। राज्‍य सरकार एक्‍ट में संशोधन कर आवासीय संघ बिल्‍डर और रजिस्‍ट्रार की मनमानी खत्‍म करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:24 AM (IST)
फरीदाबाद व गुरुग्राम सहित हरियाणा में कालोनी निवासियों व घर खरीदने वालों को राहत, आवासीय संघ व बिल्डर की मनमानी होगी खत्‍म
फरीदाबाद और गुरुग्राम सहित हरियाणा में अपना घर खरीदना होगा आसान। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Amendment in residential law: फरीदाबाद और गुुरुग्राम सहित हरियाणा में अब अपना घर खरीदना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही आवासीय कालोनियों के निवासियाें को भी राहत मिलेगी। हरियाणा सरकार राज्‍य में घर खरीदने वालों और आवासीय कालोनियों में रहने वाले लोगों के हित में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने प्रदेश के रिहायशी इलाकों में बनी आवासीय कल्याण समितियों (रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) और बिल्‍डरों के संग रजिस्‍ट्रार की मनमानी खत्म करने की तैयारी कर ली है।

गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, हिसार और पंचकूला समेत राज्य के सभी प्रमुख शहरों में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) काम कर रही हैं। जिला रजिस्ट्रार और बिल्डरों की मिलीभगत से इन रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी हर साल लोगों से कई हजार करोड़ रुपये वसूल रहे हैं, मगर राहत के नाम पर लोगों को कोई सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है। यहां तक कि विरोध करने वाले लोगों को न तो कोई हिसाब-किताब दिया जाता और न ही उन्हें एसोसिएशन की सदस्यता प्रदान की जाती है।

विधानसभा में हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन आफ सोसायटीज एक्ट में संशोधन की तैयारी

प्रदेश में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नाम पर एक अलग ही तरफ का माफिया उभर रहा है, जिसे संबंधित जिला रजिस्ट्रार और बिल्डरों का संरक्षण हासिल है। इस माफिया पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन आफ सोसायटीज (एचआरआरएस) एक्ट में संशोधन पर विचार कर रही है।

यह बीड़ा उठाया है गुरुग्राम जिले के बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने। वह हरियाणा एग्रो इंडस्ड्रीज निगम के चेयरमैन भी हैं। राकेश दौलताबाद विधानसभा में इस कानून में बदलाव के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। इस बिल के समर्थन में विधायकों का जनमत जुटाया जा रहा है।

चेयरमैन राकेश दौलताबाद लाएंगे प्राइवेट मेंबर बिल, बाकी विधायकों से जुटा रहे समर्थन, सरकार की सहमति

राकेश दौलताबाद की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी बातचीत हो चुकी है। वह प्रदेश सरकार को यह समझाने में कामयाब रहे कि रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन किस तरह से लोगों को प्रताड़ित करने और अवैध वसूली के काम में लगी हुई हैं। अकेले गुरुग्राम में विभिन्न आवासीय सेक्टरों में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन वहां रहने वाले लोगों से कम से कम एक हजार करोड़ रुपये की वार्षिक वसूली कर रही हैं।

हरियाणा एग्रो इंड्रस्‍टीज निगम के चेयरमैन राकेश दौलताबाद। (फाइल फोटो)

दौलताबाद के अनुसार, फरीदाबाद में यह राशि 700 से 800 करोड़, करनाल में करीब 300 करोड़, पंचकूला में 250 करोड़ और सोनीपत में 200 करोड़ के आसपास आंकी गई है। इतनी राशि इकट्ठा करने के बावजूद लोगों को कोई सुविधा प्रदान नहीं की जाती। बिल्डर और एसोसिएशन मिलकर लोगों की इस राशि को निजी फायदे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

एक सोसायटी में अब सिर्फ एक एसोसिएशन का होगा प्रविधान

हरियाणा सरकार प्राइवेट मेंबर बिल के जरिये जिला रजिस्ट्रार कार्यालयों और आरडब्ल्यूए में होने वाले करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर लोगों को राहत देने के हक में है। विधायक राकेश दौलताबाद ने बताया कि कमजोर कानून के चलते लोगों के धन में भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहती है।

संशोधित कानून के तहत एक सोसायटी में सिर्फ एक एसोसिएशन का प्रविधान किया जाएगा, ताकि लोगों के साथ छलावा न हो सके। इसके अलावा जिला रजिस्ट्रार कार्यालय की पावर को सीमित किया जाएगा, क्योंकि एसोसिएशन का रजिस्ट्रेशन इसी कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना लोगों को भरोसे में लिए कर दिया जाता है।

संशोधित बिल से आएगी आर्थिक प्रबंधन में पारदर्शिता

हरियाणा सरकार अधिकारियों, बिल्डरों व एसोसिएशन के सदस्यों का एकाधिकार खत्म करने के साथ ही हर फ्लैट मालिक को एसोसिएशन का सदस्य बनने की सुविधा प्रदान करेगी। यदि किसी फ्लैट में दो मालिक हैं तो दोनों को एसोसिएशन का चुनाव लड़ने और वोट देने का अधिकार होगा।

चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने बताया कि भविष्य में आरडब्ल्यूए के चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के जरिये कराने पर सरकार विचार कर रही है। साथ ही आरडब्ल्यूए के आर्थिक प्रबंधन में पारदर्शिता लाने का प्रविधान भी नए एक्ट में किया जाएगा। इस संशोधित बिल के आने से लाखों लोगों को सोयासटी में सुविधाएं मिलेंगी तथा करोड़ों का भ्रष्टाचार बंद होगा।

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