हरियाणा में निजी स्कूलों की याचिका पर हाई कोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस, बिना एसएलसी प्रवेश का मामला
हरियाणा में नीसा एजुकेशन सोसायटी की याचिका पर हाई कोर्ट ने महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामला सरकारी स्कूलों में बिना लिविंग सर्टिफिकेट देने का है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। निजी स्कूलों के बच्चों को अब भी सरकारी स्कूलों में बगैर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) के दाखिले दिए जा रहे हैं। एसएलसी की बाध्यता को समाप्त करने के शिक्षा विभाग के आदेश पर रोक लगाने के बावजूद दाखिले जारी रहने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। नीसा एजुकेशन सोसायटी की याचिका पर हाई कोर्ट ने महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट ने एडवोकेट पंकज मैनी के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि हरियाणा सरकार ने 10 मार्च को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि छात्र बिना स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के भी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं। 2003 के रूल 194ए के तहत सरकार इस तरह के आदेश जारी नहीं कर सकती है। इस आदेश से निजी स्कूलों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया था कि 2003 के रूल 194 ए के तहत सरकार बिना स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के दाखिले के निर्देश जारी कर सकती है। इस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि इस रूल को देखने के बाद नहीं लग रहा कि यह रूल ऐसी कोई इजाजत देता है।
जुलाई के प्रथम सप्ताह में लगाई गई रोक के आदेश के बावजूद हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी के प्रवेश जारी रखने को हाई कोर्ट की अवमानना बताते हुए नीसा एजुकेशन सोसायटी ने अवमानना याचिका दाखिल की है। याचिका में बताया गया कि हाई कोर्ट की रोक के बाद निजी स्कूलों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन रोक के बाद भी स्कूलों को लगातार स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जारी करने के लिए नोटिस मिल रहे हैं।
नोटिस में स्पष्ट लिखा जा रहा है कि यदि एसएलसी 15 दिन में जारी नहींं किया गया तो इसे स्वयं ही जारी हुआ मान लिया जाएगा। इस बारे में अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया। याचिका पर हाई कोर्ट ने एसीएस स्कूल महावीर ङ्क्षसह को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।