हाई कोर्ट ने हरियाणा के रंजीत हत्‍याकांड में 26 अगस्‍त को फैसला सुनाने पर लगाई राेक, गुरमीत राम रहीम है मुख्‍य आरोपित

Ranjit Singh Murder case पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रंजीत रंजीत हत्‍याकांड में पंचकूला की अदालत द्वारा 26 अगस्‍त को फैसला सुनाने पर रोक लगा दी है। इस मामले में डेरा सच्‍चा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम मुख्‍य आरोपित है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 12:15 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 12:15 PM (IST)
हाई कोर्ट ने हरियाणा के रंजीत हत्‍याकांड में 26 अगस्‍त को फैसला सुनाने पर लगाई राेक, गुरमीत राम रहीम है मुख्‍य आरोपित
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बहुचर्चित रंजीत सिंह हत्‍या मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा 26 अगस्त को फैसला सुनाने पर रोक दी है।। हाई कोर्ट ने रणजीतसिंह के बेटे जगसीर सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। जगसीर ने सीबीआई के एक अन्य वकील पर जज व मामले को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।

रंजीत सिंह के बेटे ने मामला अन्य जज को रेफर करने की रखी मांग

मंगलवार को इस मामले में सीबीआइ हाई कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाई जिसके बाद हाई कोर्ट ने रोक का आदेश जारी करते हुए मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक स्थगित कर दी। याचिकाकर्ता के वकील लवनीत ठाकुर ने बताया कि इस बाबत अभी हाई कोर्ट का लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है। फैसला सुनाए जाने से ठीक तीन दिन पहले रंजीत सिंह के बेटे ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांंग की गई कि विशेष सीबीआइ जज सुशील गर्ग को फैसला सुनाने से रोका जाए। फैसला सुनाने के लिए पंजाब, हरियाणा या चंडीगढ़ में किसी अन्य विशेष सीबीआइ जज को यह मामला स्थानांतरित करने के निर्देश देन की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ता 27 वर्षीय जगसीर सिंह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के खानपुर कोलियान गांव का निवासी है।

याचिकाकर्ता के अनुसार उसे आशंका है कि सीबीआइ जज सीबीआइ के एक अन्य सरकारी वकील मामले को प्रभावित कर रहा है। यह वकील इस मामले में सीबीआइ का वकील नहीं है। वह अन्य मामलों में सीबीआइ की पैरवी करता है, फिर भी वह इस मामले में अनुचित तरीके से रुचि लेता है और जज को प्रभावित कर सकता है।

बता दें कि इस मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत मेें सुनवाई पूरी हो गई है। अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था और इसके लिए 26 अगस्‍त की तारीख तय की थी। मामले मेें सोमवार को सीबीआइ ने सोमवार को पंचकूला स्थित विशेष अदालत में जवाब दायर कर दिया था। सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा ने लिखित जबाव में बचाव पक्ष की दलीलों पर अपना जबाव दिया है।

जबाव में मुख्यत: बचाव पक्ष द्वारा हत्या में प्रयोग की गई रिवाल्वर या डंडे न मिलने की बात कही गई थी। उस पर सीबीआइ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि यदि आरोपित के खिलाफ सबूत और गवाह हैं तो हथियार बरामदगी की कोई ज्यादा जरूरत नहीं होत।

बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि खट्टा सिंह द्वारा बयान नहीं दिया गया और देरी से दिया गया। इस पर सीबीआइ ने जवाब देते हुए कहा कि खट्टा सिंह ने कहा था कि उस पर गुरमीत राम रहीम का दबाव और उसे डर था कि कहीं उसकी हत्‍या न करवा दी जाए। उसे पहले डरा धमकाकर बयान दिलवाया गया था, लेकिन उसके बाद वह अपना बयान दोबारा देने के लिए तैयार था।

अब मामले में 26 अगस्त को सीबीआइ अदालत द्वारा फैसला सुनाने के लिए तैयारी की जा रही थी। पंचकूला पुलिस द्वारा फैसले को लेकर शहर में सुरक्षा व्यवस्था चौकस करने के लिए समीक्षा की जा रही थी। पंचकूला के एंट्री प्वाइंट्स पर विशेष नजर रखी जा रही थी। गुरमीत राम रहीम को साध्‍वी मामले में सजा सुनाने के समय की तरह इस बार डेरा सच्‍चा सौदा के अनुयायियों को एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में सजा काट रहा है।

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