गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में अगले साल मिलेंगे 11वीं और 12वीं के बच्चों को पांच लाख टैबलेट

हरियाणा सीएम की अध्यक्षता में फैसला लिया गया कि अगले वर्ष 11वीं व 12वीं के बच्चों को राज्यभर में टैबलेट दिए जाएंगे। प्रत्येक टैब की कीमत 12 हजार 400 रुपये है। साढ़े चार लाख बच्चों और 36 हजार शिक्षकों को ये गैजेट मिलेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 07:02 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:05 AM (IST)
गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में  अगले साल मिलेंगे 11वीं और 12वीं के बच्चों को पांच लाख टैबलेट
हाईपावर कमेटी की बैठक के दौरान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल। फोटो सीएम के ट्विटर से

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अगले शैक्षिक सत्र में बच्चों को टैबलेट मिल जाएंगे। प्रदेश सरकार ने पांच लाख टैबलेट खरीदने का टेंडर जारी कर दिया है, जिस पर करीब 560 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले 11वीं और 12वीं के बच्चों को यह टैबलेट दिए जाएंगे। इसके बाद हर साल एक-एक कक्षा के विद्यार्थियों को यह टैबलेट मिलेंगे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में मंगलवार को हुई हाई पावर परचेज कमेटी में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों से रू-ब-रू मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि टैबलेट खरीदने के लिए सैमसंग कंपनी को आर्डर दिया गया है। प्रत्येक टैबलेट की कीमत 12 हजार 400 रुपये होगी। करीब 36 हजार टैबलेट स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को दिए जाएंगे, जबकि साढ़े चार लाख से अधिक विद्यार्थियों को यह टैबलेट दिए जाएंगे। पहले चरण में 11वीं और 12वीं के बच्चों को ही यह सुविधा मिलेगी। प्रोजेक्ट सफल रहने पर अन्य कक्षाओं के बच्चों को टैबलेट दिए जाएंगे।

चूंकि सैमसंग कंपनी ने आर्डर पूरा करने के लिए चार महीने का समय लिया है, ऐसे में नए शैक्षिक सत्र में ही बच्चों को टैबलेट मिल पाएंगे। पहले आठवीं से बारहवीं तक के बच्चों को टैबलेट देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब आठवीं से दसवीं तक के बच्चों को टैबलेट देने का काम प्रोजेक्ट की सफलता पर निर्भर करेगा।

खास बात यह कि बच्चे टैब को मनमर्जी से नहीं चला पाएंगे। इस पर शिक्षा विभाग का नियंत्रण रहेगा। टैब में यू-ट्यूब और फिल्मी प्लेटफार्म नहीं चलेंगे। सिर्फ पढ़ाई ही हो सकेगी। बच्चे क्या और कितनी देर तक टैबलेट देख रहे हैं, इसका पूरा रिकार्ड विभाग के पास मौजूद रहेगा। यह टैब एमडीएम यानी मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट प्रणाली से लैस होंगे। इंटरनेट की सुविधा भी इनमें रहेगी।

15 हजार ट्यूबवेल लगाने के लिए सात टेंडर अलाट

हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में कुल 23 टेंडरों की मंजूरी दी गई जिस पर करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। बैठक में 15 हजार ट्यूबवेल लगाने के लिए सात टेंडर अलाट किए गए हैं। इस पर करीब 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की मौजूदगी में कम से कम रेट में विभिन्न विभागों के टेंडर मंजूर किए गए हैं। सामान खरीद के लिए बैठक में हरियाणा से जुड़े सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) को भी बुलाया गया था। सरकारी महकमों के लिए खरीद में 50 प्रतिशत सामान एमएसएमई से खरीदा जाता है।

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