हरियाणा में अब 'फुल' आक्सीजन, फिर भी मची है मारामारी, हालात के डर से लोग कर रहे डिमांड
Oxygen Demand In Haryana हरियाणा मेंं अब आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और जरूरत के अनुरूप फुल आक्सीजन है। इसके बावजूद इसके लिए मारामारी मची हुई है और लोग हालात से डर कर इसका स्टोरेज करने में जुटे हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में आक्सीजन सप्लाई की कमान सरकार द्वारा अपने हाथों में लेने के बाद ‘प्राण वायु’ को लेकर मची आपाधापी कुछ कम हुई है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से हरियाणा का आक्सीजन कोटा लगातार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। राज्य को फिलहाल 282 मीट्रिक टन आक्सीजन उपलब्ध है। इस आक्सीजन में हालांकि बढ़िया ढंग से काम चलने का दावा किया जा रहा है और सरकार ने करीब 20 से 25 मीट्रिक टन आक्सीजन आपातकालीन स्थिति के लिए भी रिजर्व में रखी हुई है, लेकिन सरकार को कभी-कभी लगता है कि अचानक 400 मीट्रिक टन आक्सीजन की डिमांड आ रही है। कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट के बावजूद ऐसा हो रहा है।
प्रदेश सरकार जब इसकी तह में गई तो अलग ही बात सामने आई। लगातार बढ़ रहे आक्सीजन कोटे के बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें आक्सीजन की जरूरत नहीं है, मगर फिर भी वह आक्सीजन हासिल कर रहे हैं अथवा हासिल करने के प्रयास में हैं। इससे राज्य में यह संदेश जा रहा है कि लोगों की आक्सीजन की मांग बामुश्किल पूरी हो पा रही है।
कोई रिश्तेदार के लिए मांग रहा आक्सीजन, किसी ने भर्ती मरीज के लिए ही कर दी बुकिंग
किसी ने घर में सिलेंडर भरा होने के बावजूद भविष्य के डर से एडवांस बुकिंग कर दी तो किसी ने अपने नाम पर रिश्तेदार के लिए सिलेंडर बुक कर डाला। सरकार ने होम आइसोलेट मरीजों को उनके घर पर ही आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। इसके लिए पोर्टल पर पंजीकरण और आवेदन करना होता है।
कई लोगों ने तो अस्पताल में उपचाराधीन रोगियों के लिए भी आक्सीजन बुक कर दी है है। आक्सीजन पोर्टल पर आवेदन के बाद घरों में पहुंच रही टीमों की जांच में प्राण वायु का यह खेल सामने आया है। आक्सीजन पोर्टल पर 8928 लोगों ने आक्सीजन की जरूरत के लिए आवेदन किया है, लेकिन जांच में पता चला कि इनमें से 3842 लोगों को आक्सीजन की जरूरत ही नहीं है। इस कारण उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए, ताकि वास्तविक जरूरतमंद मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध सके।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 99 हजार एक्टिव केस हैं। इनमें 87 हजार 836 मरीज होम आइसोलेट हैं, जबकि 11 हजार 171 संक्रमित अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। होम आइसोलेट मरीजों में महज पांच फीसद ही ऐसे हैं, जिन्हें आक्सीजन के सहारे की जरूरत है। ऐसे मरीजों को सरकार की ओर से तुरंत आक्सीजन मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है।
जिन लोगों ने पोर्टल पर आक्सीजन के लिए आवेदन किया है, उनमें से 5400 लोगों के घरों में आक्सीजन पहुंचा दी गई है। दूसरी तरफ, अस्पतालों में दाखिल 1498 लोगों की हालत नाजुक है। गंभीर मरीजों में 1196 की सांसें आक्सीजन के सहारे चल रही हैं तो 302 मरीज वेंटीलेटर पर जिदंगी की जंग लड़ रहे हैं।
चार जिलों में सौ फीसद होम डिलीवरी
होम आइसोलेट मरीजों को घर-घर आक्सीजन पहुंचाने में कैथल, पंचकूला, रेवाड़ी व यमुनानगर अव्वल हैं। यहां पर आक्सीजन के लिए कोई आवेदन लंबित नहीं है। इसके अतिरिक्त फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, नूंह में एक-एक, हिसार, झज्जर व रेवाड़ी में दो-दो, करनाल में तीन, जींद में चार, चरखी दादरी में पांच, अंबाला में सात तथा पानीपत में नौ आवेदन लंबित हैं।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अनुसार, रेडक्रास की ओर से घर-घर आक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। अभी तक प्रदेश भर में तकरीबन नौ हजार आवेदन आए हैं। इनमें से 60 फीसद आवेदनों को स्वीकार कर आक्सीजन पहुंचा दी गई है। बाकी 40 फीसद आवेदनों को रद किया गया है, क्योंकि इनमें कई तरह की खामियां थी। कई लोगों ने एडवांस बुकिंग के साथ आवेदन सही नहीं भरा है और दूसरे जिलों के लिए आवेदन किया है। आवेदन की जांच के बाद उन्हें रद किया गया है। सरकार ने वास्तविक जरूरतमंद मरीजों को तुरंत आक्सीजन मुहैया कराने में देरी नहीं करने का फैसला लिया है।
एनसीआर में सबसे ज्यादा एडवांस बुकिंग
हरियाणा के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इलाकों में कोरोना का फैलाव सबसे ज्यादा है। लिहाजा यहां आक्सीजन की होम डिलीवरी को लेकर आवेदन भी सबसे ज्यादा आए हुए हैं। सबसे ज्यादा आवेदन भी एनसीआर में रद हुए हैं। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित कुमार अग्रवाल के अनुसार सबसे ज्यादा फरीदाबाद में 838, गुरुग्राम में 449, भिवानी में 238, हिसार में 250, जींद व रोहतक में 212-212, रेवाड़ी में 198, नारनौल में 189 तथा सोनीपत में 176 आवेदनों को रद किया गया है। उन्होंने बताया कि एनसीआर के इन्हीं जिलों में सबसे ज्यादा सप्लाई भी हुई है।
आक्सीजन की होम डिलीवरी की स्थिति
जिला - आवेदन लंबित - आवेदन पेंडिंग में - डिलीवरी - आवेदन रद
अंबाला - 7 - 0 - 28 - 50
भिवानी - 13 - 17 - 178 - 238
चरखी दादरी - 5 - 13 - 40 - 61
फरीदाबाद - 1 - 57 - 847 - 838
फतेहाबाद - 12 - 11 - 110 - 163
गुरुग्राम - 124 - 2 - 453 - 449
हिसार - 2 - 58 - 985 - 250
झज्जर - 2 - 0 - 124 - 120
जींद - 4 - 16 - 254 - 212
कैथल - 0 - 0 - 20 - 32
करनाल - 3 - 0 - 214 - 122
कुरुक्षेत्र - 1 - 4 - 69 - 64
नारनौल - 17 - 13 - 81 - 189
नूंह - 1 - 0 - 55 - 44
पलवल - 2 - 2 - 49 - 94
पंचकूला - 0 - 2 - 20 - 21
पानीपत - 9 - 4 - 626 - 83
रेवाड़ी - 17 - 28 - 183 - 212
सिरसा - 61 - 0 - 116 - 123
सोनीपत - 29 - 20 - 286 - 176
यमुनानगर - 0 - 9 - 101 - 103
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कुल - 310 - 295 - 5096 - 3842