अनाथ बच्चों का लालन-पालन कर उन्हें सरकारी नौकरी देगी हरियाणा सरकार, आरक्षण का भी मिलेगा लाभ

हरियाणा सरकार अनाथ बच्चों का लालन-पालन कर 18 साल का होते ही ग्रुप सी और डी की नौकरी देगी। प्रदेश सरकार ने हरिहर योजना की अधिसूचना की जारी कर दी है। 25 साल की उम्र तक के युवाओं को यह लाभ मिलेगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:41 AM (IST)
अनाथ बच्चों का लालन-पालन कर उन्हें सरकारी नौकरी देगी हरियाणा सरकार, आरक्षण का भी मिलेगा लाभ
अनाथ बच्चों को नौकरी देगी हरियाणा सरकार। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अनाथ बच्चों की नाथ अब सरकार बनेगी। प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लालन-पालन और उनके 18 वर्ष का होने पर सरकारी नौकरी की व्यवस्था के लिए हरिहर योजना लांच करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। 25 साल की उम्र तक अनाथ युवा सरकारी योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने योजना का लाभ पात्र युवाओं को देने के लिए सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक और प्रशासक, आयुक्त, उपायुक्त तथा विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को आदेश जारी कर दिए हैं।

योजना का लाभ केवल उन्हीं युवाओं को मिलेगा जो पांच साल की आयु से पहले ही अनाथ होने के कारण चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में आ गए हों और 18 वर्ष का होने तक वहीं पर रहे हों। योजना के तहत बालगृह में आने वाले सभी बेसहारा और अनाथ बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाई का खर्चा प्रदेश सरकार उठाएगी। 18 साल का हाेने पर उन्हें एक्सग्रेशिया का लाभ देते हुए ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की नौकरी दी जाएगी। इसके लिए उन्हें किसी तरह की परीक्षा भी नहीं देनी होगी।

अगर अनाथ युवा ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट करते हैं तो वो क्लास-वन और क्लास-2 की नौकरी के भी हकदार होंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें लिखित परीक्षा पास करनी होगी। ऐसे सभी युवाओं को आर्थिक रूप से पिछड़ वर्गों की कैटेगरी में रखते हुए नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। नौकरी के बाद संबंधित युवा या युवती की शादी होने तक उनकी सैलरी बैंक खाते में जमा होगी। अगर संबंधित युवा को आगे की पढ़ाई जारी रखनी है या और कोई ट्रेनिंग या कोचिंग लेनी है तो वह खाते से 20 प्रतिशत तक पैसा ही निकलवा सकेगा। बाकी का पैसा उसे एक साथ विवाह के मौके पर मिलेगा।

अगर शादी के बाद भी उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं हुआ तो सरकार उनके लिए मकान का प्रबंध करेगी। बालगृह में रहने और यहां से बाहर निकलने के बाद अगर संबंधित युवक-युवती न तो पढ़ते हैं और न ही नौकरी करते हैं तो फिर वे दूसरे युवाओं की तरह समाज में आजाद रहेंगे। उन्हें किसी तरह का लाभ नहीं मिलेगा।

नौकरी लगने के बाद नहीं बदलवा सकेंगे पद और महकमा

योजना के तहत अनाथ युवाओं को सरकार एक बार ही नौकरी देगी। किसी भी पद पर नियुक्ति के बाद संबंधित व्यक्ति पद या महकमा बदलने के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा। हालांकि अगर वह प्रतियोगी परीक्षा में पास होता है तो उसके लिए दूसरे महकमे में जाने के विकल्प खुले रहेंगे। योजना का लाभ उठाने के लिए ग्रुप सी और डी के स्वीकृत पदों पर सीधी भर्ती के मामले में हरिहर युवाओं को अधिकतम पांच फीसद पदों पर नियुक्ति दी जा सकेगी। चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में रहते नौकरी के लिए आवेदन करने पर संस्था के अधीक्षक के जरिये जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास अर्जी पहुंचानी होगी। जो हरिहर युवा निर्धारित आयुसीमा पूरी होने के कारण चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट से बाहर आ चुके हैं, उन्हें सीधे जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। उन्हें आवेदन के साथ बाल गृह में रहने का प्रमाणपत्र, रिहायश प्रमाण पत्र और शैक्षिक प्रमाणपत्र इत्यादि देने होंगे।

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