हरियाणा में महिला पुलिस की वॉलिटर्स को विभिन्न परियोजनाओं में एडजस्ट करेगी सरकार

हरियाणा में सरकार ने महिला पुलिस में 2016 में स्वयं सेविकाओं को काम पर रखा था। वर्ष 2018 में इन्हें हटा दिया गया है। अब सरकार की योजना फिर से इन्हें रखने की है। इन्हें विभिन्न परियोजनाओं में एडजस्ट किया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:12 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 05:12 PM (IST)
हरियाणा में महिला पुलिस की वॉलिटर्स को विभिन्न परियोजनाओं में एडजस्ट करेगी सरकार
हरियाणा पुलिस में तैनात रही वॉलिटर्स को एडजस्ट करेगी सरकार। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में दो साल के लिए नियुक्त की गई महिला पुलिस की स्वयं सेविकाओं (Volunteers) की सेवाएं प्रदेश सरकार एक बार फिर ले सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक हजार से अधिक इन स्वयं सेविकाओं को राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में समायोजित करने का भरोसा दिलाया है। केंद्र सरकार ने देश भर में दो साल के लिए इन स्वयं सेविकाओं को नियुक्त करने के आदेश दिए थे।

हरियाणा सरकार ने 2016 में इन स्वयं सेविकाओं को काम पर रखा और 2018 में हटा दिया। तब से लेकर महिला पुलिस की स्वयं सेविकाओं अपनी एडजेस्टमेंट के लिए प्रयास कर रही हैं। हरियाणा में करनाल और महेंद्रगढ़ जिलों के लिए इन स्वयं सेविकाओं की नियुक्तियां हुई थी। उनका काम हालांकि पुलिस विभाग में गुप्तचर के रूप में सेवाएं देने का था, लेकिन उनसे थाने-चौकियों में पुलिस के हर तरह के काम लिए गए।

महिला पुलिस स्वयं सेवक संगठन की प्रधान रुबी रानी के नेतृत्व में इन स्वयं सेविकाओं का एक प्रतिनिधिमंडल पहले डीजीपी मनोज यादव और उसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिला। पुलिस महानिदेशक ने स्वयं सेविकाओं के काम की सराहना करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री से मिलवाया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल चरणजीत, नीतू और मनजीत ने बताया कि इन स्वयं सेविकाओं का मानदेय मात्र एक हजार रुपये मासिक है।

रुबी के अनुसार मुख्यमंत्री ने इन स्वयं सेविकाओं से पूछा कि आखिर एक हजार रुपये मामूली मानदेय के बावजूद वह यह नौकरी क्यों करना चाहती हैं। इस पर रुबी रानी व प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य स्वयं सेविकाओं ने कहा कि इस नौकरी के करते हुए उन्हें सम्मान हासिल हुआ है। वह भी देश, प्रदेश और समाज के लिए अच्छा काम करने का जज्बा रखती हैं। हालांकि मानदेय काफी कम है और इसमें गुजारा संभव नहीं है, लेकिन मानदेय में बढ़ोतरी के अनुरोध के साथ अपना काम जारी रखना चाहती हैं।

रूबी रानी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वयं सेविकाओं के इस जज्बे की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन महिला कर्मियों को हाल-फिलहाल पुलिस विभाग तो समायोजित नहीं किया जा सकता, लेकिन राज्य सरकार के पास कई ऐसे प्रोजेक्ट और योजनाएं हैं, जिनमें उनकी मदद उनकी योग्यता के हिसाब से ली जा सकती है। मुख्यमंत्री ने जल्द ही इन महिला कर्मियों को समायोजित करने का भरोसा दिलाया है, जिसके बाद इन महिला कर्मियों को रोजगार की आस जगी है। इससे पहले स्वयं सेविकाओं तत्कालीन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और राज्य सरकार की मंत्री कविता जैन से भी मिल चुकी हैं। 

chat bot
आपका साथी