डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर सरकार असमंजस में, मां के इलाज के लिए की बार दे चुका है अर्जी

हरियाणा सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए छह हजार कैदियों को पैरोल पर रिहा करने पर विचार कर रही है। डेरा प्रमुख राम रहीम को भी पैरोल मिल सकती है लेकिन हरियाणा सरकार अभी असमंजस में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:22 AM (IST)
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर सरकार असमंजस में, मां के इलाज के लिए की बार दे चुका है अर्जी
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम।

जेएनएन, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद हरियाणा की जेलों में बंद करीब छह हजार कैदियों को पैरोल पर उनके घर भेजने की तैयारी है। इससे न केवल जेलों में कोरोना फैलने की आशंका कम होगी, बल्कि बुजुर्ग व जरूरतमंद कैदी अपने घरों या अस्पतालों में जरूरी उपचार हासिल कर सकेंगे। जेल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को भी इस बार पैरोल पर रिहा किया जा सकता है।

डेरा प्रमुख ने अपनी मां के इलाज के लिए रोहतक जेल प्रशासन के पास कई बार अर्जी दे रखी है, लेकिन हर बार कानून व्यवस्था बिगड़ने के डर से उसकी पैरोल याचिका रद की जाती रही है। जेल प्रशासन के पास इस बार डेरा प्रमुख की याचिका पर गौर करने के कई विकल्प हैं। बताया जाता है कि डेरा प्रमुख का जेल में रहते हुए कोई आचरण ऐसा नहीं रहा, जो व्यवस्था अथवा कानून के विरुद्ध हो। इसी को आधार बनाकर उसे पैरोल देने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

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हरियाणा सरकार यह इनपुट जुटाने में लगी है कि यदि डेरा प्रमुख को पैरोल पर भेज दिया गया तो कानून व्यवस्था की स्थिति पर कोई विपरीत असर तो नहीं पड़ेगा। सुरक्षा और गुप्तचर एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद डेरा प्रमुख को पैरोल देने पर कोई फैसला लिया जाएगा।

बता दें हरियाणा में कोरोना संक्रमण जेलों में पहुंच चुका है। नारनौल, हिसार, रोहतक की सुनारियां सहित कई जेलों में पाजिटिव केस मिले हैं। हालांकि जेलों में पहले से बंद कैदियों व बंदियों के मुकाबले नए कैदियों/बंदियों की पाजिटिव संख्या अधिक है। पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान ही सरकार ने जेलों में नए बंदियों व कैदियों के लिए अलग क्वारंटाइन/आइसोलेशन सेंटर का प्रबंध कर लिया था।

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पिछले साल भी सरकार ने कोविड-19 के चलते चार हजार कैदियों व बंदियों को पैरोल व फरलो पर जेल से बाहर किया था। इस बार इनकी संख्या बढ़कर छह हजार के करीब हो सकती है। इन कैदियों और बंदियों को पैरोल देने का फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी, जिसकी अगले एक-दो दिन में बैठक होने की संभावना है। कमेटी में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा व जेल विभाग के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर सदस्य हैं।

सरकार ने इस कमेटी को पत्र लिखा है, ताकि कैदियों/बंदियों को पैरोल पर बाहर करने के बारे में गाइडलाइन जारी की जा सके। पहले चरण में 90 दिन यानी तीन महीने की पैरोल/फरलों कैदियों व बंदियों को दी जा सकती है। हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत चौटाला के अनुसार कोरोना महामारी को देखते हुए कैदियों/बंदियों को जेलों से बाहर करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश आए हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी इस बारे में जल्द फैसला लेगी।

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