हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, तबादला नीति में होगा बदलाव, हर स्कूल में तैनात होंगी महिला शिक्षक

बाल सरंक्षण आयोग के नोटिस के बाद हरियाणा सरकार ने लिया टीचरों की ट्रांसफर पालिसी में बदलाव का फैसला किया है। हरियाणा के 4283 स्कूलों में नहीं एक भी महिला शिक्षक नहींं है। अब सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों को तैनात किया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 04:34 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 04:34 PM (IST)
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, तबादला नीति में होगा बदलाव, हर स्कूल में तैनात होंगी महिला शिक्षक
हरियाणा के स्कूलों में महिला टीचर तैनात होंगी। (सांकेतिक फोटो)

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार शिक्षकों की ऑनलाइन तबादला नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव इसलिए होगा, ताकि सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति हो सके। राज्य में 4283 ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्राएं तो हैं, लेकिन एक भी महिला शिक्षक नहीं हैं। हरियाणा बाल संरक्षण अधिकार आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा द्वारा सरकार के संज्ञान में यह मामला लाने के बाद इस बदलाव का खाका तैयार किया गया है।

हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कु. सैलजा ने भी स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं होने पर आपत्ति जताते हुए सरकार पर दबाव बनाया था, लेकिन सरकार ने ज्योति बैैंदा के अनुरोध पर पालिसी में बदलाव का निर्णय लिया है। छात्राओं के साथ स्कूलों में यौन उत्पीड़न के कई मामलों का उदाहरण ज्योति बैंदा ने सरकार को लिखे पत्र में किया था। साथ ही जानकारी दी थी कि छात्राएं, महिला शिक्षक के सामने अपनी आपबीती बताने में संकोच नहीं करती। पुरुष शिक्षकों के साथ अपनी पीड़ा बताने में उन्हेंं हिचक रहती है।

सरकार ने मामले की गंभीरता को समझा। सीएम मनोहर लाल की जानकारी में जब यह बात आई तो उन्होंने तत्काल अपने प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को इस बारे में निर्देश दिए। इसके बाद खुल्लर ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को ट्रांसफर पॉलिसी में इस तरह के बदलाव करने को कहा है, ताकि स्कूलों में महिला शिक्षकों की पोस्टिंग हो सके। कम से कम उन स्कूलों में जरूर महिला शिक्षक तैनात होंगी, जहां बेटियां पढ़ती हैं।

हरियाणा के जिन 4283 महिला शिक्षक रहित स्कूलों का जिक्र आयोग ने अपने पत्र में किय था, उसमें यह भी बताया गया कि इन स्कूलों में छात्राओं की संख्या एक लाख 54 हजार से अधिक है। जिन स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं हैं, उनमें से अधिकांश प्राइमरी व अपर-प्राइमरी स्कूल हैं। ज्योति बैंदा के अनुसार आयोग ने बीते दिनों शिक्षा निदेशालय से प्रदेश के 14 हजार स्कूलों का डाटा लेकर उसका विश्लेषण किया था। महिला शिक्षकों की नियुक्ति से सरकार की योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को बल मिलेगा।

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