पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा को चार जोन में बांटा, 332 गांव रेड जाेन में

हरियाणा में पराली दहन रोकने काे बड़ा कदम उठाया गया है। राज्‍य सरकार ने किसानों काे पराली जलाने से राेकने के लिए हरियाणा को चार जाेन में बांटा है। राज्‍य में 332 गांवाें को रेड जोन में रखा गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 09:23 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 09:23 AM (IST)
पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा को चार जोन में बांटा, 332 गांव रेड जाेन में
हरियाणा में पराली जलाने से किसानों को रोका जाएगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में खरीफ सीजन में फसल अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में रेड, येलो, ऑरेंज ओर ग्रीन जोन बनाए हैं। इनमें 332 गांव लाल जोन में हैं। रेड जोन यानी जहां स्थिति अति गंभीर है। 675 गांव येलो जोन में हैं, जहां स्थिति गंभीर है। ऑरेज जोन में वे गांव हैं जहां स्थिति फिलहाल तो गंभीर नहीं, लेकिन गंभीर हो सकती है। ग्रीन जोन में वे गांव हैं, जहां स्थिति सामान्य और संतोषजनक है।

राज्‍य में 332 गांवों में स्थि‍ति अति गंभीर और 675 गांवों में स्थिति गंभीर है

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि उन सभी 11 हजार 311 किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी जिन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन योजना 'फसलों के इन-सीटू प्रबंधन के लिए कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा' के तहत कृषि उपकरणों के लिए मौजूदा सीजन में आवेदन किया है। इन उपकरणों के लिए 50 फीसद वित्तीय सहायता दी जाएगी जो लगभग 155 करोड़ रुपये होगी।

11 हजार 311 किसानों ने मांगे फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपकरण

कृषि विभाग द्वारा 454 बेलर, 5820 सुपर सीडर, 5418 जीरो-टील सीड-ड्रिल, 2918 चोपर/मल्चर, 260 हैप्पी सीडर, 389 स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, 64 रोटरी स्लैशर्स/शर्ब मास्टर्स, 454 रिवर्सेबल मोल्ड हल और 288 रीपर लाभाíथयों को प्रदान किए जाएंगे। किसानों और सोसायटियों से कृषि उपकरणों के लिए 21 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इस दौरान 16 हजार 647 उपकरणों के लिए 11 हजार 311 किसानों ने आवेदन किए।

कौशल ने बताया कि फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 1305 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस योजना में इन-सीटू और एक्स-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन तकनीकों का एक मिश्रण शामिल है। नियंत्रण कक्ष के माध्यम से गतिविधियों की निगरानी के अलावा नियमों के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एफआइआर कराई जाएंगी। केंद्र सरकार ने इस वर्ष इस योजना के तहत हरियाणा को 170 करोड़ दिए हैं। जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे फसलों के अवशेष जलाने की घटनाओं की निगरानी करें और रिपोर्ट करें।

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