Haryana CM office में इस बार बदली नजर आएगी, OSD हो सकते हैं कम, RSS का रहेगा पूरा दखल

Haryana CM office में इस बार तस्वीर बदली-बदली नजर आ सकती है। आरएसएस का पूरा दखल रहेगा लेकिन इस बार ओएसडी की संख्या कम हो सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 03:54 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 05:23 PM (IST)
Haryana CM office में इस बार बदली नजर आएगी, OSD हो सकते हैं कम, RSS का रहेगा पूरा दखल
Haryana CM office में इस बार बदली नजर आएगी, OSD हो सकते हैं कम, RSS का रहेगा पूरा दखल

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में नई सरकार का गठन होने के साथ ही अब मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में बदलाव तथा अधिकारियों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी। काम करने वाले अफसरों को सरकार अहम जिम्मेदारी सौंपेगी। पिछली बार की अपेक्षा मुख्यमंत्री कार्यालय की तस्वीर भी इस बार पूरी तरह से बदली हुई नजर आएगी।

हरियाणा मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद CMO में बदलाव तथा अधिकारियों के तबादलों की प्रक्रिया तेजी पकड़ेगी। सभी बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैनों से इस्तीफे लिए जा चुके हैैं। नई नियुक्तियों तक उन्हें अपने मौजूदा पदों पर काम करने के निर्देश दिए गए हैैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय में इस बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का पूरा दखल रहेगा। संघ के प्रतिनिधि के रूप में CMO के लिए एक नाम फाइनल हो चुका है। पिछली बार भी हालांकि राजेश गोयल के रूप में संघ के प्रतिनिधि को CMO में एंट्री मिली थी, लेकिन उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ गई थी कि खुद ही टिकट के प्रबल दावेदार बन गए। जींद से चुनाव लड़ने की राजेश गोयल की लाबिंग और सक्रियता को संघ ने बिल्कुल भी पसंद नहीं किया।

RSS के प्रतिनिधि के रूप में विजय शर्मा की भी पिछली सरकार में CMO में एंट्री हुई थी, लेकिन वह भाजपा प्रतिनिधियों की अंदरूनी राजनीति का शिकार हो गए। सबसे ज्यादा लाबिंग मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र करनाल में उनका प्रतिनिधि (OSD) बनने के लिए हो रही है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चुनाव से पहले CMO में बाहरी लोगों की एंट्री पर जबरदस्त सवाल उठाए थे और वादा किया था कि यदि उनकी सरकार बनने पर CMO में बाहरी लोगों की एंट्री नहीं होगी। लिहाजा इस बार CMO में बहुत ज्यादा OSD नहीं बनने जा रहे हैैं। प्रिंसिपल ओएसडी के रूप में नीरज दफ्तौर की दोबारा नियुक्ति तय है।

सीएम के पूर्व OSD जवाहर यादव ने खुद ही आगे होकर CMO में एंट्री से इन्कार कर दिया है। यादव संगठन में काम करेंगे और अपनी कानून की पढ़ाई पूरी करेंगे। उनके पिता और धर्मपत्नी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। जवाहर अपनी इस राय से सीएम को अवगत करा चुके हैैं।

सूत्रों के अनुसार CMO में खुद को पक्का मानकर चल रहे दावेदारों को बड़ा झटका लग सकता है। CMO में इस बार दो OSD, एक राजनीतिक सलाहकार, दो मीडिया सलाहकार और एक करनाल में कैंप आफिस के लिए OSD की नियुक्तियां हो सकती हैैं। कुछ अधिकारी डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की पसंद के लगाए जा सकते हैैं। इसके लिए उनकी पसंद पूछी जा रही है। नियुक्तियों की प्रक्रिया के साथ ही अधिकारियों के तबादलों की प्रक्रिया भी चलती रहेगी।

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