हरियाणा कैबिनेट में शामिल होने के लिए विधायकों को करना होगा अभी इंतजार, मंत्रियों को कार्यप्रणाली सुधार का मौका
हरियाणा में मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए विधायकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने का मौका मिल जाएगा। विस्तार पंचायत शहरी निकाय और ऐलनाबाद चुनाव को आधार बना टाला जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में दिन प्रतिदिन बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच हाल फिलहाल न तो मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है और न ही किसी तरह का बदलाव संभव है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हुई मैराथन बैठकों के बाद पार्टी इस नतीजे पर पहुंची है कि अभी मंत्रिमंडल के विस्तार का उपयुक्त समय नहीं आया है। हरियाणा सरकार पंचायत व शहरी निकाय के साथ ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल का चेहरा-मोहरा बदल सकती है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि दीपावली के आसपास मंत्रिमंडल के विस्तार की कवायद शुरू होगी।
हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में दो मंत्री बनाए जाने हैं। एक मंत्री भाजपा तो दूसरा जजपा के कोटे से बनना है। गठबंधन की सरकार में साझीदार जजपा ने भाजपा पर अपने कोटे का मंत्री जल्द बनाने का दबाव बना रखा है। अपनी इस मांग को लेकर जजपा संयोजक दुष्यंत चौटाला भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात कर चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से पार्टी मामलों पर लंबी मंत्रणा हुई है। इससे पहले मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के अलावा गृह मंत्री अनिल विज, कृषि मंत्री जेपी दलाल और बिजली मंत्री रंजीत चौटाला की दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में मंत्रिमंडल में बदलाव किसी भी समय हो सकता है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान ने इसे अभी कुछ समय टालने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री भी यही चाहते हैं। मनोहर कैबिनेट में हालांकि आधा दर्जन मंत्री ऐसे हैं, जो कामकाज की दृष्टि से मोदी और शाह की उम्मीदों पर सौ फीसद खरा नहीं उतर पा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद हरियाणा कैबिनेट में किसी तरह का बदलाव कर हाईकमान कांग्रेस को गठबंधन की सरकार पर हावी होने का मौका नहीं देना चाहता है।
मुख्यमंत्री भी अभी कैबिनेट में विस्तार और बदलाव के हक में नहीं हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि वह यह संदेश नहीं देना चाह रहे कि काम में कमी की वजह से कुछ मंत्रियों को हटाया गया है। हालांकि हरियाणा में कैबिनेट के विस्तार और बदलाव का बड़ा बहाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हाल ही में बदलाव हुआ है। इसे आधार बनाकर मनोहर कैबिनेट के चेहरे-मोहरे भी बदले जा सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को लगता है कि शहरी निकाय, पंचायत और ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को छेड़ना वाजिब नहीं है। चुनाव दीपावली के आसपास होने की संभावना है।
मंत्री पद की चासनी बरकरार रखना चाह रही भाजपा
शहरी निकाय, पंचायत और ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा की रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा में आधा दर्जन विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में चार से पांच मंत्रियों की छुट्टी होना तय है। कुछ की छुट्टी कामकाज में कमी के आधार पर होगी तो कुछ को जातीय संतुलन साधने की मंशा से कैबिनेट से बाहर किया जाएगा। विधायकों में मंत्री बनने की चासनी बरकरार रहे और वह पार्टी तथा संगठन के कामों में दिल लगाकर काम करते रहें, इस रणनीति के तहत भी पार्टी मंत्रिमंडल का विस्तार और बदलाव दीपावली तक टाले जाने के पक्ष में है।