लगातार दूसरी बार जन सुझावों पर तैयार होगा हरियाणा का बजट, इस बार नहीं होंगी प्री बजट बैठकें

Haryana Budget 2021 हरियाणा में लगातार दूसरी बार जन सुझावों पर आधारित बजट तैयार किया जाएगा। हरियाणा के मुुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने इस बारे में 10 फरवरी तक सुझाव मांगें हैं। वैसे इस बार पिछले साल की तरह प्री बजट बैठकें नहीं होंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 02:10 PM (IST)
लगातार दूसरी बार जन सुझावों पर तैयार होगा हरियाणा का बजट, इस बार नहीं होंगी प्री बजट बैठकें
हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Haryana Budget 2021: हरियाणा इस बार भी बजट जन सुझावों पर आधारित होगा। यह लगातार दूसरा मौका होगा जब जन सुझावों पर राज्‍य का बजट पेश किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के लिए विधायकों से लिखित सुझाव मांगे हैं। वैसे, पिछली बार की तरह इस बार विधायकों, उद्यमियों के साथ प्री-बजट बैठक नहीं होंगी। राज्य में वित्त मंत्री का कार्यभार भी देख रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पत्र लिखकर सभी विधायकों से 10 फरवरी तक लिखित सुझाव भेजने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने बजट तैयार करने के लिए विधायकों से 10 फरवरी तक मांगे लिखित सुझाव

मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल (Manoharlal) ने बतौर वित्त मंत्री गत वर्ष अपने पहले बजट के लिए न सिर्फ गुरुग्राम,फरीदाबाद, पंचकूला में प्री-बजट बैठक आयोजित कर उद्यमियों, व्यापारियों सहित विधायकों के सुझाव लिए थे बल्कि बजट में करीब 200 सुझाव शामिल कर बजट को जन बजट बना दिया था। मुख्यमंत्री ने बताया है कि पिछले साल उन्हें प्री-बजट बैठकों में जो 200 सुझाव मिले थे उनमें से 71 का कार्यान्वयन हो चुका है। 86 प्रस्तावों पर काम चल रहा है।

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पिछले साल की तरह इस बार विधायकों, उद्यमियों के साथ प्री-बजट बैठक नहीं होंगी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत वर्ष जब वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया था तो बाकायदा विधायकों के नाम लेकर यह बताया था कि बजट में यह मद इन विधायक के सुझाव पर शामिल किया जा रहा है। इसमें विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस के कई विधायकों के सुझाव मुख्यमंत्री ने बजट में शामिल किए थे। इसके बाद जब बजट पेश हुआ तो विपक्ष निरुत्तर रहा। अन्यथा सरकार द्वारा पेश बजट पर विपक्ष हमेशा सवाल उठाता है।

विपक्ष को बजट से पहले ही किया निरुत्तर

बजट चर्चा के दौरान भी कई विपक्षी विधायकों ने अपने मद बजट में शामिल किए जाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल का आभार जताया। बताया जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री कोविड-19 के प्रकोप के चलते विधायकों के साथ प्री-बजट बैठक नहीं करेंगे लेकिन जो सुझाव आएंगे, उनको लेकर एक बार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल मीटिंग अवश्य कर सकते हैं।

कोविड-19 के प्रकोप से उभरने को केंद्रीय बजट में मांगा है पांच हजार करोड़ का पैकेज

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से राज्य के लिए पांच हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मांगा है। मुख्यमंत्री का तर्क है कि कोरोना वायरस के संकट से बचाव को लगे लाकडाउन से राज्य को करीब 2250 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ। इसके चलते राज्य को इसकी भरपाई करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये चाहिए।

उनका कहना है कि इसके अलावा कृषि कल्याण और सिंचाई योजनाओं के लिए भी बजट में दो हजार करोड़ रुपये चाहिए। राज्य बजट पेश करते समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष यह सबसे बड़ी चुनौती होगी कि लाकडाउन अवधि के दौरान हुए राजस्व नुकसान की भरपाई किस तरह की जाए।

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