हरियाणा भाजपा ने किसान संगठनों के विरोध के तरीके पर उठाए सवाल, हिसार की घटना काे बताया गलत

हरियाणा भाजपा ने किसान संगठनों के विरोध के तरीके पर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने हिसार में कोविड अस्‍पताल के शुभारंभ के लिए मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल के पहुंचने के दौरान किसान संगठनों के प्रदर्शन व तोड़फाेड़ को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 08:33 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 08:33 PM (IST)
हरियाणा भाजपा ने किसान संगठनों के विरोध के तरीके पर उठाए सवाल, हिसार की घटना काे बताया गलत
पूर्व मंत्री कविता जैन और हिसार में विरोध प्रदर्शन करते किसान। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा भाजपा ने हिसार में कुछ किसान संगठनों द्वारा किए गए आंदोलन और हिंसा पर सवाल उठाए हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष कविता जैन, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह मांढी और भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने कहा कि आंदोलन में बहुत सारी विचित्र बाते हैं। आंदोलन करने के बहुत मौके और जगह हो सकती है। हिसार में बने नए कोविड अस्पताल में आंदोलन करना गलत था। अस्पताल के उद्घाटन का विरोध न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि ट्रैक्टर से बैरिकेडिंग तोड़ने को भी सही नहीं ठहराया जा सकता।

कविता जैन और एडवोकेट वेदपाल ने कहा आंदोलन का एक तरीका और सीमा होती है

भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष कविता जैन और प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल ने आंदोलन के औचित्य और मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। पुलिस के साथ टकराव को कहां तक ठीक ठहराया जा सकता है। देश-प्रदेश में आज जीवन रक्षा की लड़ाई लड़ी जा रही है।

उन्‍होंने कहा कि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों की जान बचाने की है। ऐसे में यदि कुछ लोग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करेंगे तो लोगों का विश्वास डगमगाएगा। आज लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। यह आंदोलन तीन कृषि कानूनों के विरोध का विषय कतई नहीं है। कांग्रेस समेत कई लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष को सोचना चाहिये कि वह प्रदेश को किस दिशा में ले जा रहा है।

सुमित्रा चौहान और सुखविंद्र मांढी ने कहा सरकार ने खोल रखे बातचीत के लिए दरवाजे

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने कहा कि तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे है। इन्हें अभी लागू नहीं किया गया है, लेकिन सिर्फ आंदोलन करने के लिए ही आंदोलन किया जा रहा है। यह छोटी राजनीति करने का समय नहीं है। जो लोग इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और खुद को किसान नेता मानते हैं, वह चुनाव लड़कर देख लें। किसी भी बड़े मुद्दे पर संपूर्ण समाज साथ आता है, लेकिन हठधर्मिता और सिर्फ आंदोलन के लिए आंदोलन करने वालों के साथ कोई नहीं है। उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है, लेकिन उसका एक तरीका और सीमा होती है। यह समय राजनीतिक मतभेद से ऊपर उठकर काम करने का है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह मांढी ने कहा कि सरकार भी चाहती है कि समस्या का समाधान निकले। इसके लिए कई बार वार्ता के दौर चले, लेकिन हर वार्ता में जिद अच्छी नहीं होती। किसान संगठनों के साथ सरकार के संवाद के तमाम रास्ते खुले हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहींहै कि आंदोलन की आड़ में राजनीतक लोग कोरोना के अस्पताल का विरोध करें।

मांढी ने कहा कि हिसार में अस्पताल के उद्घाटन का विरोध सुनियोजित था। किसानों को सोचना चाहिये कि उनकी सभी जायज मांगों पर सरकार ने बात की है और आगे भी बातचीत को तैयार है। लेकिन भोले किसानों को समझना चाहिये कि कांग्रेस समेत कुछ लोग उनका राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। किसानों को चाहिये कि वे राजनीतिक महत्वाकांक्षी लोगों को पहचान कर खुद को उनसे अलग करें।

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