किसानों की ट्रैक्टर परेड से पहले हरियाणा भाजपा की नई रणनीति, देगी हर घर पर दस्तक

किसानों की केंद्र सरकार से वार्ता सिरे नहीं चढ़ने के बाद हरियाणा में भाजपा ने नई रणनीति तैयार की है। हरियाणा भाजपा किसानों के ट्रैक्‍टर परेड से पहले राज्‍य में हर घर पर दस्‍तक देगी। पार्टी लोगों को कृषि कानूनों के बारे में बताएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 11:00 AM (IST)
किसानों की ट्रैक्टर परेड से पहले हरियाणा भाजपा की नई रणनीति, देगी हर घर पर दस्तक
हरियाणा भाजपा के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और सीएम मनोहरलाल की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। केंद्र सरकार और किसानों के बीच चल रही वार्ताओं के सकारात्मक नतीजे सामने नहीं आने के बाद अब भाजपा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। केंद्र सरकार ने किसानों को डेढ़ साल तक तीनों कृषि कानून लागू नहीं करने की पेशकश दी थी, लेकिन किसान संगठन चाहते हैं कि इन तीनों कानूनों को रद कर एमएसपी की गारंटी का नया कानून बनाया जाए। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है। किसानों ने इस दिन ट्रैक्टर रैली का ऐलान कर रखा है।

12वें दौर की वार्ता के अच्छे नतीजे नहीं आने के बाद पार्टी ने तैयार की नई रणनीति

हरियाणा सरकार की कोशिश इस दिन शांति व्यवस्था बनाए रखने की है, लेकिन इसके बावजूद किसी तरह का रिस्क नहीं लिया जाने वाला है। नतीजतन भाजपा व सरकार दोनों ने अपने-अपने स्तर पर 26 जनवरी को किसी भी स्थिति से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है। किसानों की ट्रैक्टर परेड का जवाब देने के लिए भाजपा ने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों व प्रमुख पदाधिकारियों की टोलियां तैयार की हैं, जो लोगों के घरों में दस्तक देंगी। यह टोलियां लोगों को किसानों की जिद और तीन कृषि कानूनों के फायदे गिनाएंगी।

25 जनवरी की शाम तक घर-घर तीन कृषि कानूनों के फायदे गिनाएंगे पार्टी नेता और वर्कर

26 जनवरी को जिलों में गणतंत्र दिवस समारोह मनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को सलाह दी है कि वे भी अपने-अपने स्थान (धरना स्थलों) पर गणतंत्र दिवस समारोह मनाएं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ हुई 12वें दौर की वार्ता के भी खास नतीजे नहीं आए तो पार्टी ने अपनी रणनीति को अंजाम देना शुरू कर दिया है। दक्षिण हरियाणा के नारनौल में पहला किसान संवाद कार्यक्रम होने के बाद भाजपा ने करनाल के कैमला में दूसरे संवाद कार्यक्रम का आयोजन का ऐलान किया।

किसानों ने कैमला में आयोजन को नहीं होने दिया तथा कार्यक्रम स्थल पर अपेक्षा से कहीं अधिक तोड़फोड़ की और उधम मचाया। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने इस कार्यक्रम में विघ्न पैदा करने की पूरी जिम्मेदारी ली, जिसके बाद चढूनी समेत सैकड़ों लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए। किसान संगठनों की सात सदस्यीय संयुक्त समन्वय समिति के सदस्यों में भी रार पड़ चुकी है।

मध्यप्रदेश के किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का जी और हरियाणा के भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी इस सात सदस्यीय समिति का हिस्सा हैं। संदिग्ध होने के बाद चढूनी ने 12 संगठनों के सहयोग से एक अलग मोर्चे का भी गठन किया है, जिसके बाद भाजपा को लगने लगा कि अब घी यदि सीधी अंगुली से न निकले तो टेढ़ी भी कर लेनी चाहिये।

मनोहर लाल और तावड़े की रणनीति आएगी काम

भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सलाह मशविरा करने के बाद पार्टी ने मंडल व बूथ स्तर पर लोगों खासकर किसानों को तीन कृषि कानूनों के समर्थन में समझाने की रूपरेखा तैयार की है। यह अभियान 25 जनवरी की शाम तक चलेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हालांकि हरियाणा के भाजपाइयों को सलाह दी थी कि वे कैमला प्रकरण के बाद किसानों के समानांतर कोई आयोजन न करें, लेकिन जिस तरह से घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण, सांसद संजय भाटिया, जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा और पूर्व जिला प्रधान जगमोहन आनंद समेत कई नेताओं ने हौसला दिखाते हुए इस आयोजन को अंजाम देने की पहल की, उससे मना जा रहा है कि पार्टी में उनका कद बढ़ा है।

किसान संवाद कार्यक्रम फिर चालू करने पर विचार

हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ खुद चाहते हैं कि समस्या का समाधान होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने सभी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, जिला प्रधानों, बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैनों से कहा है कि वे जिला और ब्लाक स्तर के संगठन पदाधिकारियों के साथ टोलियों में हर बूथ पर घर-घर जाकर नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं। इस काम को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या तक अंजाम दिया जाएगा। भाजपा अब भविष्य में किसानों की जिद को नजर अंदाज करते हुए किसान संवाद कार्यक्रम भी चालू कर सकती है।

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