हरियाणा के गृहमंत्री विज का हमला- किसान आंदोलन की आड़ में 'केजरीवाल' बनना चाह रहे चढूनी

हरियाणा के गृह एवं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर बड़ा हमला किया है। विज ने कहा कि चढूनी किसान आंदोलन की आड़ में केजरीवाल बनना चाहते हैं। जैसे केजरीवाल ने अन्‍ना आंदोलन का फायदा उठाया वैसी ही फिराक में चढूनी भी हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 05:20 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 05:20 PM (IST)
हरियाणा के गृहमंत्री विज का हमला- किसान आंदोलन की आड़ में 'केजरीवाल' बनना चाह रहे चढूनी
गुरनाम सिंह चढ़ूनी, दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य, शहरी निकाय और आयुष मंत्री अनिल विज ने संयुक्त किसान मोर्चा से सात दिन के लिए निलंबित भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर कड़ा हमला किया है। उन्‍होंने चढ़ूनी की सियासी गतिविधियों की परतें खोली हैं। चढ़ूनी किसान आंदोलन की आड़ में 'केजरीवाल' बनना चाहते हैं।

अनिल विज ने गुरनाम चढूनी की सियासी गतिविधियों की परतें खोलीं

विज ने कहा कि चढूनी का कोई आधार नहीं है। न तो किसान उनके साथ है और न ही उनके शाहबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता। चढूनी किसान संगठनों के आंदोलन का ठीक उसी तरह से फायदा उठाना चाहते हैं, जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे के आंदोलन का राजनीतिक फायदा उठाया था। चढूनी जैसे कई केजरीवाल हैं, जो संयुक्त किसान मोर्चा का झंडा पकड़कर हर रोज जिंदाबाद-मुर्दाबाद करते हैं।

चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों से बातचीत में गृह मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को भी फिर सलाह दी। उन्होंने कहा कि सिद्धू राजनीतिक आदमी नहीं हैं। उन्हें स्वयं नहीं पता कि क्या करना है। इसलिए इधर-उधर के चक्कर में पड़ने की बजाय उन्हें अपनी पार्टी बना लेनी चाहिए।

चढूनी के साथ कोई आदमी नहीं, टूटकर बिखर चुका संयुक्त किसान मोर्चा

विज ने चढूनी द्वारा संयुक्त किसान मोर्चे का बहिष्कार करने के फैसले को नौटंकी करार दिया। उन्होंने कहा कि चढूनी ने संयुक्त किसान मोर्चे का बहिष्कार तब किया है, जब उन्हें मोर्चा ने पहले ही निलंबित कर दिया। अब इस ड्रामेबाजी का कोई फायदा नहीं है। वैसे भी चढूनी के साथ कोई आदमी नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा पूरी तरह से टूट और बिखर चुका है। अब सिर्फ वही लोग यहां बैठे हैं, जो भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों के विरोधी हैं।

अनिल विज ने कहा कि 2012 में अन्ना हजारे का आंदोलन हुआ था। बहुत से लोगों की जनभावनाएं उनके साथ जुड़ी थी, लेकिन कुछ लोग उसमें अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए जुड़े हुए थे। उन्होंने अपना राजनीतिक मकसद भी हासिल किया और मुख्य मुद्दे को छोड़ दिया तथा बाद में वह केजरीवाल बन गए। उसी प्रकार से इस किसान आंदोलन में भी बहुत सारे किसानों के नेता केजरीवाल बनना चाहते हैं। जिंदाबाद-मुर्दाबाद करने के पीछे उनका राजनीतिक मंतव्य है। उनमें से चढूनी भी एक हैं। इसीलिए इस आंदोलन को वह किसी अंजाम तक पहुंचने नहीं देना चाहते। बार-बार केंद्र सरकार के बुलाने पर भी बातचीत नहीं करना चाहते, क्योंकि इनका मकसद किसानों के हितों के विपरीत है।

अनिल विज ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा में चढूनी जैसे कई लोग हैं, जो केजरीवाल बनने का सपना ले रहे हैं। इन सबका आपस में टकराव है। इसलिए उन्होंने चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा से सात दिन के लिए निलंबित कर दिया है। एक सवाल के जवाब में विज ने कहा कि चढूनी पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें मात्र 1300 वोट मिले थे। लोगों को उनकी राजनीतिक हैसियत और मकसद के बारे में सब कुछ पता है।

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