सचिन पायलट के भाजपा में आने की आहट से ह‍रियाणा के गुर्जर नेताओं में मची हलचल

राजस्‍थान के डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट के भाजपा में आने की चर्चा से हरियाणा केे गुर्जर नेताओं में हलचल तेज हो गई है। ये नेता पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 09:30 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 08:15 AM (IST)
सचिन पायलट के भाजपा में आने की आहट से ह‍रियाणा के गुर्जर नेताओं में मची हलचल
सचिन पायलट के भाजपा में आने की आहट से ह‍रियाणा के गुर्जर नेताओं में मची हलचल

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। मध्य प्रदेश से राजस्थान पहुंची कांग्रेस नेताओं सत्ता के लिए आपसी लड़ाई पर अब हरियाणा और दिल्ली एनसीआर के गुर्जर नेताओं की नजर है। सचिन पायलट के भाजपा में आने की चर्चाओं से इन नेताओंं में हलचल शुरू हाे गई है। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट यदि मध्यप्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कांग्रेस छोड़कर भाजपा की ओर रुख करते हैं तो भाजपा के गुर्जर नेताओं के लिए वे एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन सकते हैं।

मध्यप्रदेश से राजस्थान पहुंची कांग्रेस की रार पर हरियाणा, दिल्ली एनसीआर के नेताओं की नजर

राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान पर पूरे देश की नजर है मगर गुर्जर नेताओं खासतौर पर भाजपाइयों ने तो दिन भर पल-पल की जानकारी ली। कांग्रेस के बड़े नेता राजेश पायलट के साथ देश के साथ-साथ हरियाणा व एनसीआर के गुर्जर समुदाय के लोग जुड़े हुए थे। राजेश पायलट के निधन के बाद उनके समर्थकों ने पहले उनकी पत्नी रमा पायलट फिर बेटे सचिन पायलट में हमेशा आस्था जताकर रखी।

पायलट परिवार को छोड़ गुर्जरों के ज्यादातर बड़े नेताओं ने थामा हुआ है भाजपा का दामन

राजेश पायलट की जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित मध्यप्रदेश के गुर्जरों में अच्छी पकड़ थी। यही कारण था कि वह चुनाव के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक के रूप में प्रचार करते थे। गुर्जरों में पायलट परिवार को 1991 से 2014 के बीच लगातार पूर्व सांसद अवतार भड़ाना और उनके बड़े भाई पूर्व मंत्री करतार भड़ाना खड़े होते रहे मगर कभी पायलट परिवार को कड़ी टक्कर भी नहीं दे सके।

पार्टी कॉडर से जुड़ी रही केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की राजनीति

भाजपा में इस समय गुर्जरों के सबसे बड़े नेता केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर हैं। गुर्जर जब से भाजपा में शामिल हुए हैं तब से उन्होंने पार्टी कॉडर आधारित राजनीति की है। पार्टी ने गुर्जर को महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर में गुर्जरों के अहम मसलों को सुलझाने की भी जिम्मेदारी दी थी। पूर्व सांसद अवतार भड़ाना और उनके बड़े भाई करतार भड़ाना ने अपने मूल राजनीतिक दल छोड़कर भाजपा का भी दामन थामा मगर कभी वे भी कृष्णपाल गुर्जर को मात नहीं दे सके।

अब सचिन पायलट की आहट से कृष्णपाल गुर्जर,दिल्ली से सांसद रमेश विधुड़ी, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर सहित राजस्थान से सांसद सुखबीर जौनापुरिया सहित दिल्ली भाजपा विधायक दल के नेता रामबीर सिंह विधुड़ी भी चौंकन्ने जरूर हुए हैं। फिलहाल ये नेता कुछ भी बयान देने से बच रहे हैं।

इन नेताओं मानना है कि सचिन यदि भाजपा में आते हैं तो यह बड़े नेताओं का फैसला होगा। इसमें उनका कुछ हस्तक्षेप नहीं है। हरियाणा में गुर्जरों के बड़े नेता पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह परिवार को स्वर्गीय राजेश पायलट का समर्थक माना जाता है। महेंद्र प्रताप सिंह और उनका परिवार फिलहाल कांग्रेस में ही है।

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