School students के लिए बड़ी खुशखबरी... नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को मुफ्त मिलेंगी किताबें

सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को भी अब किताबें मुफ्त मिलेंगी। इसके लिए 41 करोड़ 47 लाख 57 हजार 450 रुपये मंजूर हुए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 04:24 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 07:50 AM (IST)
School students के लिए बड़ी खुशखबरी... नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को मुफ्त मिलेंगी किताबें
School students के लिए बड़ी खुशखबरी... नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को मुफ्त मिलेंगी किताबें

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को भी अब किताबें मुफ्त मिलेंगी। प्रदेश मेें फिलहाल नौवीं से 12वीं तक छह लाख 19 हजार 256 बच्चे हैं, जिनकी किताबों के लिए 41 करोड़ 47 लाख 57 हजार 450 रुपये मंजूर हुए हैं। पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पहले ही पुस्तकों के साथ स्कूल बैग, स्टेशनरी व वर्दी निशुल्क दी जा रही हैं।

शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019' में निशुल्क शिक्षा के दायरे को आठवीं कक्षा से बढ़ाकर 12वीं तक करने की सिफारिश की गई है। हालांकि यह नीति अभी देश में लागू नहीं की गई है, परंतु प्रदेश सरकार ने इस सिफारिश को पहले ही मानने का फैसला किया है। सरकारी स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। इन किताबों की कीमत लगभग 650 से 700 रुपये तक होती है जो अब बच्चों को मुफ्त में मिलेंगी।

छात्रों को यह पुस्तकें पुस्तकालयों अथवा बुक बैंक के माध्यम से दी जाएंगी, जो विद्यार्थी पास होकर अगली कक्षा में चला जाएगा तो वह पिछली कक्षा की पुस्तकों को पुस्तकालय में जमा करवा देगा। उसे अगली कक्षा की पुस्तकें जारी कर दी जाएंगी। इस प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग को किताबों पर एक बार ही ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। फिर हर साल सिर्फ 10 से 20 फीसद राशि ही सरकार को खर्च करनी पड़ेगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इससे जहां अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम होगा, वहीं पुस्तकें बार-बार प्रयोग करने से पेड़ों की कटाई कम होगी और पर्यावरण में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि नूंह जिले को केंद्र सरकार ने अति पिछड़ा जिला घोषित किया हुआ है। यहां बच्चों का ड्राप-आउट रोकने के लिए निशुल्क पुस्तकों की व्यवस्था के लिए पहले ही दो करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। बच्चियों को शिक्षा के प्रति बढ़ावा देने के लिए छात्राओं को शैक्षणिक संस्थान तक परिवहन सुविधा, स्कूलों में अलग से शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उनमें नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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