हरियाणा के किसानों के लिए अच्‍छी खबर, पराली प्रबंधन के लिए मिलेंग प्रति एकड़ एक हजार रुपये

हरियाणा के किसानों के लिए अच्‍छी खबर है। राज्‍य सरकार किसानों को खेतों में पराली के प्रबंधन के लिए आर्थिक सहायता देेगी। राज्‍य सरकार किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ एक हजार रुपये की दर से आर्थिक सहायता देगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 09:30 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 09:30 AM (IST)
हरियाणा के किसानों के लिए अच्‍छी खबर, पराली प्रबंधन के लिए मिलेंग प्रति एकड़ एक हजार रुपये
हरियाणा में पराली को जलाने की जगह इसके प्रबंधन के लिए सरकार किसानों को मदद देगी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ , राज्‍य ब्‍यूरो। Good News For Farmers : हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है। राज्‍य सरकार ने हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह राेकने के लिए राज्‍य सरकार अहम कदम उठाया है। इसके हरियाणा में पराली (धान के फसल अवशेष) के प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार अभी से जुट गई है। इसके लिए सरकार किसानों को आर्थिक मदद देगी। इस साल स्ट्रा बेलर द्वारा पराली की गांठ या बेल बनवाकर इसे औद्योगिक इकाइयाें में देने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 230 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

पराली की खरीद-फरोख्त के लिए किसानों और उद्योगों को पोर्टल पर कराना होगा पंजीकरण

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि राज्‍य के इस योजना का लाभ उठाने के लिए विभाग के पोर्टल https://agriharyana.gov.in पर पंजीकरण करवाएं। अधिक जानकारी के लिए किसान अपने निकटतम कृषि अधिकारी या टोल फ्री नंबर 1800 180 2117 पर संपर्क कर सकते हैं। यह पोर्टल किसानों और उद्योगों को पराली की मांग और आपूर्ति के लिए मंच प्रदान करता है। इस पोर्टल पर किसान और उद्योग पराली का क्रय-विक्रय कर सकते हैं।

अनुदान पर मिलेगी पराली की गाठें बनाने वाली स्ट्रा बेलर, 230 करोड़ रुपये का बजट

राज्‍य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने बताया कि पिछले साल 24 हजार 409 किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया था। पोर्टल पर 147 औद्योगिक इकाइयाें ने आठ लाख 96 हजार 963 टन पराली की खरीद के लिए पंजीकरण कराया था।

उन्‍होंने बताया‍ कि पराली की गाठें बनाने वाली स्ट्रा बेलर यूनिट किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने सभी औद्योगिक इकाइयों को भी पराली के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराने की गुजारिश की, ताकि समय पर उन्हें पराली मिल सके। इस तरह पराली जलाने की समस्या से निजात मिलेगी और वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सकेगा।

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