हरियाणा के गन्ना किसानों को 10 जुलाई तक पूरा भुगतान, सभी चीनी मिलों में तैयार होगा गुड़ व शक्कर

हरियाणा में अभी तक गन्ना किसानों को 1082 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। बाकी बचे 400 करोड़ का भुगतान करने का खाका भी तैयार कर लिया गया है। राज्य में सभी चीनी मिलों में गुड़ और शक्कर तैयार किया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:44 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:27 PM (IST)
हरियाणा के गन्ना किसानों को 10 जुलाई तक पूरा भुगतान, सभी चीनी मिलों में तैयार होगा गुड़ व शक्कर
गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 10 जुलाई तक। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की चीनी मिलों ने सीजन 2020-21 में 429.35 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की है। इस गन्ने की कुल राशि 1500 करोड़ 83 लाख रुपये बनती है। इसमें से किसानों को 1082.16 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। बाकी बची करीब 400 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान 10 जुलाई तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की बकाया पेमेंट निर्धारित तिथि तक कराने के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं। हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ (शुगरफेड) के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में मंत्री डा. बनवारी लाल ने बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कुछ चीनी मिलों ने अपने यहां गुड़ व शक्कर का उत्पादन शुरू किया है। बाकी सभी चीनी मिलें ऐसा करें। उन्होंने कम से कम खर्च में चीनी मिलों के संचालन पर जोर दिया।

मंत्री ने कहा कि मिलों में रखरखाव व मरम्मत के जरूरी कार्य ही प्राथमिकता के आधार पर कराए जाएं। मिलों को घाटे से बाहर निकालकर उन्हें लाभ में लाना सभी अधिकारियों का लक्ष्य होना चाहिये। बैठक में बताया गया कि पेराई सीजन 2020-21 में 429.17 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई, जबकि 2019-20 में 371.86 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी। 2020-21 में 41.97 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ, जबकि 2019-20 में 37.41 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया।

2020-21 में चीनी मिलों की 87.59 प्रतिशत क्षमता का उपयोग किया गया जबकि 2019-20 में 86.13 प्रतिशत क्षमता का उपयोग किया जा सका। 2020-21 में 36.08 करोड़ रूपये की 7.53 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई जबकि पेराई सीजन 2019-20 में 32.19 करोड़ रूपये की 6.83 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई थी। सहकारिता सचिव संजीव कौशल ने बैठक में मंत्री को बताया कि महम, कैथल और पलवल की सहकारी चीनी मिलों द्वारा गुड़ के उत्पादन के लिए पायलट आधार प्लांट स्थापित किए गए हैं।

2020-21 के पेराई सीजन में इन मिलों द्वारा 630.16 क्विंटल गुड़ का उत्पादन किया गया। कैथल की सहकारी चीनी मिल में बायो फयूल के लिए परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है, जिसे जल्द ही अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी शुरू किया जाएगा। कौशल ने सहकारी चीनी मिलों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की आनलाइन बिक्री पर संतोष जाहिर किया।

पानीपत व करनाल की सहकारी चीनी मिलों में एथोनाल बनाने संबंधी परियोजनाओं के साथ-साथ अन्य परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। शाहबाद की चीनी मिल का 60 केएलपीडी एथोनाल का प्लांट सितंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। बैठक में शुगरफेड के प्रबंध निदेशक जितेंद्र कुमार, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार आरएस वर्मा और हैफेड के प्रबंध निदेशक डीके बेहरा सहित सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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