जल्द GST के दायरे में आ सकते हैं Petrol-Diesel, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चंडीगढ़ में दिए संकेत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए कि देश में पेट्रोल-डीजल जल्द जीएसटी के दायरे में आ सकते हैं। केंद्र व राज्य मिलकर इस बारे में तय करेंगे। निर्मला सीतारमण चंडीगढ़ के एक दिवसीय दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 01:11 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:41 PM (IST)
जल्द GST के दायरे में आ सकते हैं Petrol-Diesel, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चंडीगढ़ में दिए संकेत
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातची करतीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक दिवसीय दौरे पर चंडीगढ़ पहुंची हैं। उन्होंने यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। सीएम ने गुलदस्ता देकर केंद्रीय वित्त मंत्री का स्वागत किया। निर्मला सीतारमण चंडीगढ़ और पंचकूला में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल जल्द ही जीएसटी में आ सकते हैं। पेट्रोल और डीजल का रेट तय किया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारें तय करेंगी कि पेट्रोल-डीजल कब जीएसटी में लाना है और कितने रेट पर लाना है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में आर्थिक सुधार तेजी से हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास हासिल करना है। व्यवस्थाओं में हर वर्ग का रखा जा रहा है। अब देश में व्यापार करना आसान हुआ है। हर साल निम्न वर्ग के लिए कोई न कोई योजना लांच होती है। जनधन खातों से लोगों को फायदा हुआ है। गरीब लोगों को बैंक सुविधा मिल रही है। बिना गारंटी के लोगों को लोन मिल रहा है। बैंक महिलाओं को कारोबार चलाने के लिए लोन दे रहे हैं। ग्रामीण इलाके के लोगों को भी इसका फायदा मिला है।

पंजाब और हरियाणा में कोविड के हालातों में वित्तीय स्थिति को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर राज्य की अलग परिस्थितियां होती हैं और वह अपने हिसाब से काम करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि हरियाणा ने इस दौर में बहुत ही अच्छे से अपने वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक समय सभी राज्यों को कहा था कि वे अतिरिक्त वित्तीय मदद खुद बैंकों से ले सकते हैं, लेकिन हरियाणा ने ऐसा नहीं किया, इसलिए कहा जा सकता है कि हरियाणा ने अपने वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल किया।

वहीं, पंजाब द्वारा सीमांत क्षेत्रों के लिए केंद्र द्वारा दिए जाने वाले 60- 40 फीसद वित्तीय मदद को 90-10 करने की बात होती रहती है। पंजाब केंद्र से इस मामले में कदम उठाने की मांग करता रहता है। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा किसी के कहने या चाहने से नहीं होता है। इसका एक पैमाना है। जिसके हिसाब से सीमांत क्षेत्रों को मदद दी जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र नार्थ ईस्ट और हिमालय से लगे सीमांत प्रदेशों को अभी केंद्र 90-10 के हिसाब मदद कर रहा है। वह इसलिए कि वहां की परिस्थितियां भिन्न हैं, जबकि पंजाब में ऐसा नहीं है, इसलिए इस पर राजनीति करना गलत है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि पंजाब की अनदेखी करने के आरोप लगाना गलत है। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि जीएसटी की शुरुआत में पंजाब को कुछ तकनीकी दिक्कतें हुई थी। जिसकी वजह से उन्होंने कलेक्शन को देरी से समिट किया था। उन्होंने खुद आगे बढ़ते हुए पंजाब को बाद में जीएसटी में जो घाटा हुआ था, जो करीब 1000 करोड़ से ऊपर का था, उसकी भरपाई की थी तो इसलिए इस तरीके के निराधार आरोपों का कोई मतलब नहीं है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल में देश की छोटी और बड़ी इंडस्ट्री पर काफी बुरा असर पड़ा, लेकिन सरकार उन्हें सुधारने के लिए लगातार काम कर रही है। जिन लोगों के पास बैंक गारंटी के लिए कुछ नहीं है। उन लोगों के सामने बैंक से लोन लेने की समस्या है। सरकार ऐसे लोगों के लिए भी कई बड़ी योजनाएं चला रही है।

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