सेक्टर 11, 20 व 21 में हटाया अतिक्रमण

शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ संयुक्त अभियान शुरू कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 08:00 AM (IST)
सेक्टर 11, 20 व 21 में हटाया अतिक्रमण
सेक्टर 11, 20 व 21 में हटाया अतिक्रमण

जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ संयुक्त अभियान शुरू कर दिया गया है। पंचकूला के नये मेयर कुलभूषण गोयल के पदभार ग्रहण करने के बाद हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने एक बैठक बुलाई थी, जिसमें शहर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। पंचकूला नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पुलिस के साथ मिलकर मुहिम शुरू कर दी है। दोनों टीमों ने सेक्टर 11, 20 और 21 में अभियान चलाते हुए अवैध अतिक्रमण हटाए। सेक्टर 20 की मार्केट में पिछले कई सालों से एचएसवीपी की जमीन खानेपीने का सामान बेचने वालों ने कब्जा कर रखा था और रोजाना शाम को बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ यहां पर रहती थी। इस मार्केट में जितने भी फड़ी वालों ने अपने अवैध खोखे उन्हें गाडि़यों में भरकर उठा लिया गया। इसी तरह सेक्टर 11 की अंदरूनी मार्केट से भी अतिक्रमण करने वालों का सामान जब्त कर लिया गया। डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर दीपक सूरा ने बताया कि अतिक्रमण रोकने के लिए निगम और एचएसवीपी की टीम संयुक्त तौर पर काम कर रही है। कहीं पर भी अवैध अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि जहां से भी अतिक्रमण हटाया जाएगा, वहां पर एक पुलिस कर्मचारी और एक निगम या एचएसवीपी कर्मचारी की ड्यूटी रहेगी, वह वहां दोबारा कब्जा नहीं होने देगा। यदि कोई दोबारा कब्जा करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुलभूषण गोयल ने स्पष्ट किया कि पंचकूला को बेसहारा पशुओं, आवारा कुत्तों से मुक्त करवाएंगे। साथ ही पंचकूला अतिक्रमण और प्लास्टिक फ्री भी बनाया जाएगा।

पंचकूला में अवैध अतिक्रमण की भरमार है। सबसे ज्यादा अतिक्रमण सेक्टर 7, 9, 20 की मार्केट में रहता है। यहां पर दुकानदारों ने बरामदों में खूब अतिक्रमण कर रखा है। इतना ही नहीं कुछ दुकानदारों ने बरामदों को किराए पर भी दे रखा है, जिससे वह मासिक किराया वसूलते हैं। बरामदों में कब्जों के कारण लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है। यहां पर जब भी अतिक्रमण हटाने के लिए टीमें जाती हैं, तो काफी विरोध का सामना करना पड़ता है। इतना ही एक बार तत्कालीन हुडा प्रशासक एवं दुकानदारों के बीच हाथापाई तक हो गई थी। इसलिए वहां पर अतिक्रमण हटवाना प्रशासन के लिए मुश्किल है।

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