HMT पिंजौर के कर्मचारियों को हाई कोर्ट से राहत, मकान खाली करने व बिजली-पानी का बिल भरने के आदेश पर रोक
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पिंजौर स्थित एचएमटी ट्रैक्टर प्लांट के कर्मचारियों को राहत दी है। हाई कोर्ट ने उन आदेशों पर रोक लगा दी है जिसमें उन्हें मकान खाली करने व बिजली-पानी की बिल भरने को कहा गया था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एचएमटी पिंजौर के ट्रैक्टर प्लांट के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने एचएमटी प्रबंधन द्वारा कर्मियों को मकान खाली करने सहित बिजली व पानी के बिल भरने के जो आदेश दिए थे उन पर रोक लगाते हुए केंद्र सहित एचएमटी प्रबंधन को 12 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर मामले में जवाब तलब कर लिया है।
जस्टिस गिरीश अग्निहोत्री ने यह आदेश एचएमटी प्रबंधन के इन आदेशों के खिलाफ कर्मियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। बता दें कि 2016 में एचएमटी ट्रैक्टर प्लांट को केंद्र सरकार द्वारा बिना किसी भविष्य योजना व नीति के बंद कर दिया गया था। ऐसे में अनेक कर्मचारियों को जबरन वीआरएस लेने पर मजबूर होना पड़ा था, जबकि 150 कर्मचारियों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी थी।
अनेक ऐसे कर्मचारी अभी भी एचएमटी क्वाटर्स में रह रहे हैं। एक तरफ तो केंद्र सरकार व एचएमटी द्वारा इन कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी जा रही तो वही दूसरी तरफ अब इन्हें बिजली व पानी के बिल भरने के लिए 13 अगस्त 2021 को नोटिस दे दिए थे। जिसमें साफतौर पर कर्मियों को कहा कि यदि बिजली व पानी के बिल नहीं भरे तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा।
केंद्र सहित अन्य प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
वहीं, पब्लिक प्रेमिसिस एविक्शन ऑफ अनाथोराइज़्ड आक्यूपेंट्स एक्ट 1971 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इन आदेशों को कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती देते हुए इन आदेशों पर रोक लगाए जाने की मांग की जिस पर हाई कोर्ट ने एचएमटी के इन आदेशों पर रोक लगाते हुए केंद्र सहित अन्य प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
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