शिक्षा विभाग का छुट्टी के दिनों का वेतन जारी करने से इंकार, हाई कोर्ट पहुंचा मामला, सरकार व विभाग को नोटिस

प्रयोगशाला सहायक पद पर कार्यरत हिसार निवासी व अन्य ने हाई कोर्ट में कहा कि विभाग ने उन्हें छुट्टी का वेतन देने से इंकार कर दिया है। इस पर हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 10:33 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 10:33 AM (IST)
शिक्षा विभाग का छुट्टी के दिनों का वेतन जारी करने से इंकार, हाई कोर्ट पहुंचा मामला, सरकार व विभाग को नोटिस
शिक्षा विभाग का छुट्टी के दिनों का वेतन जारी करने से इंकार, हाई कोर्ट पहुंचा मामला, सरकार व विभाग को नोटिस

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए स्कूली शिक्षा विभाग व हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में हिसार निवासी सुनील कुमारी व अन्य ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि वो एक दशक से ज्यादा समय से स्कूल में प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत हैंं, लेकिन अब सरकार ने उनको स्कूल के अवकाश के दिनों का वेतन जारी करने से इंकार कर दिया। इतना ही उनको न्यूनतम वेतन भी जारी करने से मना किया जा रहा है।

मामले में बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील जसबीर मोर ने बेंच को बताया कि सूचना का अधिकार के तहत उनको जानकारी मिली है कि सभी याचिकाकर्ता की नियुक्ति सेंक्शन पोस्ट पर और विभाग द्वारा जारी विज्ञापन के तहत हुई है। इस तरह की नियुक्ति को आउटसोर्स की पार्ट टू पॉलिसी कहा जाता है। इस नीति के तहत कर्मचारी को सेंक्शन पोस्ट के बराबर न्यूनतम वेतन जारी करना होता है, लेकिन इस मामले में विभाग उनको पार्ट वन पालिसी का कर्मचारी मान कर उनको वेतन जारी नहीं कर रहा।

पार्ट वन पॉलिसी में उन कर्मचारी को रखा जाता है जिनकी नियुक्ति विभाग में पद न होने के चलते केवल जरूरी काम के चलते ठेके या डीसी रेट पर आउटसोर्स की जाती हैंं, लेकिन यह मामला अलग है, याची को पार्ट टू पॉलिसी के तहत नियुक्ति पत्र मिला हुआ है लेकिन विभाग उसको स्कूल के अवकाश के दिनों का वेतन जारी करने से मना कर रहा है और उनके साथ पार्ट वन पॉलिसी के तहत नियुक्त कर्मचारी के तरह बर्ताव कर रहा है।

हाई कोर्ट के जस्टिस राजमोहन ने मामले पर सुनवाई के बाद सरकार व शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर सरकारी वकील को आदेश दिया कि वो मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को इस मामले में जवाब दायर कर स्थिति स्पष्ट करे।

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