दिल्ली रैली के कारण भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टाला नूंह में 'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम, अब 26 को होगा

पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 12 दिसंबर को नूंह में होने वाला विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम टाल दिया है। यह कार्यक्रम अब 26 दिसंबर को होगा। दरअसल 12 दिसंबर को सोनिया गांधी की दिल्ली में होने वाली रैली के कारण यह कार्यक्रम टाला गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:13 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:13 PM (IST)
दिल्ली रैली के कारण भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टाला नूंह में 'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम, अब 26 को होगा
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। 12 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और राहुल गांधी की रैली के चलते पूर्व मुख्यमंत्री व हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 11 दिसंबर को नूंह में होने वाले 'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। अब नूंह में यह कार्यक्रम 26 दिसंबर को होगा। इससे पहले करनाल और जींद में 'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम कर हुड्डा अपनी ताकत दिखा चुके हैं। कार्यक्रम में उठने वाले मुद्दों और समस्याओं को कांग्रेसी विधायक विधानसभा में उठाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नौकरियों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार उच्च स्तर पर बैठे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। एचपीएससी घोटाले में 23 नवंबर को हाई कोर्ट की टिप्पणी से भी स्पष्ट है कि सरकार सही तरीके से पूरे मामले की जांच नहीं कर रही है, इसलिए आयोग के चेयरमैन को बर्खास्त कर हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि असली मुद्दे से भटकाने और अपने घोटालों को दबाने के लिए मौजूदा सरकार पूर्ववर्ती सरकार पर आधारहीन आरोप लगा रही है। कांग्रेस सरकार में किसी भर्ती पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। सिर्फ तकनीकी आधार पर कुछ भर्तियों को रद किया गया। वहीं, मौजूदा सरकार में ताबड़तोड़ घोटालों की वजह से एक के बाद एक भर्तियों को रद करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जिन लोगों पर भर्ती घोटाला करने का आरोप लगाते हैं, आज उन्हीं के समर्थन से सरकार चला रहे हैं।

तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने दोहराया कि यह देर से लिया गया दुरुस्त फैसला है। अब सरकार को किसानों के बाकी मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए और कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों की वर्किंग कमेटी का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई सिफारिशें की थी। इनमें से एक थी स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फार्मूले पर किसानों को एमएसपी देना।

हुड्डा ने याद दिलाया कि देश में सबसे पहले उनके पिताजी स्वर्गीय रणबीर सिंह हुड्डा ने 23 नवंबर, 1948 में एमएसपी की मांग उठाई थी, जिसे बाद में अमलीजामा पहनाया गया। अब सरकार को इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एमएसपी गारंटी का कानून बनाना चाहिए। तभी कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है। उन्होंने कहा कि ‘एमएसपी थी, है और रहेगी’ का नारा देने वाली सरकार को कानून बनाने में आखिर क्या दिक्कत है? साथ ही हुड्डा ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को खारिज करने और शहीद किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग भी दोहराई।

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