हरियाणा में मनोहर मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव को लेकर संशय बरकरार, पीएम ने सीएम पर छोड़ा फैसला

हरियाणा में कैबिनेट में फेरबदल को लेकर संशय बरकरार है। सीएम की पीएम से मुलाकात के बाद बड़े फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन सीएम मनोहर लाल के अलावा अभी किसी अन्य नेता के पास इसकी जानकारी नहीं है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 09:26 AM (IST)
हरियाणा में मनोहर मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव को लेकर संशय बरकरार, पीएम ने सीएम पर छोड़ा फैसला
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की फाइल फोटो।

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुुलाकात के बाद भी राज्य मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव को लेकर अभी संशय बरकरार है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा राज्य के अन्य किसी नेता के पास इस बाबत कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। गठबंधन दल के नेताओं की तरफ से ही यह जानकारी निकलकर आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री को उनके अनुसार मंत्रिमंडल गठित करने की अनुमति दे दी है।

बताया जाता है कि पीएम से मुख्यमंत्री को यह भी सलाह मिली है कि वे राज्य के राजनीतिक हालात खासतौर पर किसान संगठनों के आंदोलन के अनुकूल ही इस बाबत फैसला लें। मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से शुक्रवार मुलाकात के बाद गठबंधन दल के नेताओं में यह चर्चा थी कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की सूचना आएगी। हालांकि अभी तक इस बाबत कोई जानकारी दिल्ली से चंडीगढ़ नहीं आई है।

इस बार बड़े बदलाव के संकेत

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तीन कृषि कानूनों को चले किसानों के आंदोलन के दौरान अपने मंत्रिमंडल से लेकर पार्टी के नेताओं की भूमिका के बारे में भी प्रधानमंत्री को विस्तार से बताया है। मंत्रिमंडल में बदलाव का आधार भी इस जानकारी के कारण ही बना है। पीएम ने सीएम को यहां तक कह दिया है कि जो नेता या मंत्री आम जनता के बीच अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं रहे, उनके बजाय नए लोगों को जिम्मेदारी दी जाए। इससे यह साफ है कि इस बार मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव होगा।

अब मंत्रिमंडल का गठन कब होगा यह तो मुख्यमंत्री जानें, मगर गठबंधन दल जजपा के नेता यह साफ कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार तो करना ही है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस सवाल को सिरे से खारिज करने की बजाय सिर्फ इतना कहते हैं कि गठबंधन दल को वस्तुस्थिति समझा देंगे। उनके पास जितने विभाग हैं, नए मंत्री को भी उन्हीं में से विभाग दिया जाना है, इसलिए उनके पास विभाग तो अभी भी उतने ही मौजूद हैं। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कहीं गठबंधन दल से एक-दो विभाग वापस न ले लिए जाएं, इसलिए जजपा नेता भी दबाव बनाने में गुरेज बरतें।

दिल्ली में अपने संरक्षकों के संपर्क में भाजपा विधायक

मंत्रिमंडल विस्तार की आहट होते ही राज्य के भाजपा विधायक दिल्ली में अपने संरक्षकों से संपर्क करते हैं। पिछले चार दिनों से ज्यादातर विधायकों ने दिल्ली में अपने संरक्षक नेताओं से संपर्क किया, मगर उन्हें कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली। यह जरूर है कि गृहमंत्री अनिल विज और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पिछले दिनों दिल्ली पहुंचकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जरूर इस विषय पर मुलाकात की थी।

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