हरियाणा का मिजाज भांपने में चूक गए DGP मनोज यादव, नहीं साध पाए राजनीतिक संतुलन

केंद्र में वापस जाने की इच्छा जता चुके हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव हरियाणा के राजनीतिक मिजाज को नहीं भांप पाए। भले ही उनका कामकाज शानदार रहा हो लेकिन वह गृह मंत्री अनिल विज को संतुष्ट नहीं कर पाए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:33 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:42 AM (IST)
हरियाणा का मिजाज भांपने में चूक गए DGP मनोज यादव, नहीं साध पाए राजनीतिक संतुलन
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। दोबारा केंद्र सरकार में अपनी सेवाएं देने के इच्छुक हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव यहां आकर राजनीति का शिकार हो गए। केंद्र की मोदी सरकार में एक पावरफुल अधिकारी के हस्तक्षेप से मनोज यादव को हरियाणा भेजा गया था, लेकिन वह सरकार में ही सरकार के लोगों का मोहरा बन बैठे।

डीजीपी के नाते मनोज यादव का अब तक का कार्यकाल शानदार रहा है। उनके कार्यकाल में एक भी ऐसी बड़ी घटना नहीं हुई, जिसे लेकर सरकार कठघरे में खड़ी हुई हो। यह अलग बात है कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज डीजीपी की कार्यप्रणाली से कतई खुश नहीं हैं। डीजीपी भी हरियाणा के राजनीतिक मिजाज को पूरी तरह से भांप पाने से चूक गए। वह पूरी तरह से सरकार के होकर भी सरकार के नहीं बन पाए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ उनकी जवाबदेही गृह मंत्री अनिल विज के प्रति भी बनती है। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री उनके कार्य से खुश हैं और गृह मंत्री नाराज हैं तो जाहिर है कि मनोज यादव दोनों के बीच में अपने स्तर पर राजनीतिक संतुलन साधने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। उनसे दोनों के साथ अपने मधुर रिश्तों को लेकर कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसका नतीजा अब उनके द्वारा खुद ही केंद्र में वापस जाने की इच्छा जताने के रूप में सामने आया है।

दरअसल, डीजीपी किसी तरह के विवाद में भी नहीं पड़ना चाह रहे हैं। उनकी आइपीएस के तौर पर नौकरी के कई साल बाकी हैं। मनोज यादव को वैसे भी एक-दो साल के बाद हरियाणा से केंद्र में लौट ही जाना था। ऐसे में मनोज यादव ने जल्दी इच्छा जाहिर कर गेंद अब सरकार के ही पाले में डाल दी है। डीजीपी के तौर पर मनोज यादव का कार्यकाल सरकार की नजर में काफी अच्छा रहा है, लेकिन गृह मंत्री की अनदेखी उन्हें भारी पड़ी है।

अनिल विज पिछले कई माह से उनके पीछे पड़े हुए थे। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मनोज यादव के हक में स्पष्ट स्टैंड लेते हुए उन्हें डीजीपी के तौर पर बदलने से साफ इन्कार कर दिया था, लेकिन अब हालात दूसरे हैं। हरियाणा सरकार ने मनोज यादव को तब डीजीपी के पद से नहीं हटाया, जब अनिल विज चाहते थे। हालांकि विज अपने स्टैंड पर आज भी कायम हैं और डीजीपी के लिए नया पैनल भेजे जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन अब चूंकि मनोज यादव ने खुद ही केंद्र में जाने की पहलकर किसी को भी अपने हरियाणा में बने रहने या हरियाणा से जाने का श्रेय नहीं लेने दिया है।

अब सवाल खड़ा होता है कि हरियाणा का नया डीजीपी कौन होगा। इस पद के लिए पांच आइपीएस अधिकारियों पीके अग्रवाल, मोहम्मद अकील, आरसी मिश्रा, शत्रुजीत कपूर और देश राज सिंह के नाम वरिष्ठता सूची में आते हैं। मुख्यमंत्री की पसंद शत्रुजीत कपूर हैं और विज की पसंद अग्रवाल या अकील हो सकते हैं। ऐसे में यदि कपूर डीजीपी बने तो उनका विज के साथ विवाद होना तय है। सीआइडी चीफ रहते हुए कपूर और अनिल विज के बीच सरकार के पिछले कार्यकाल में तनातनी रह चुकी है।

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