दादा ओमप्रकाश चौटाला की सक्रियता से काडर को हरियाणा में जजपा में रोकना दुष्यंत के लिए बड़ी चुनौती

दुष्यंत चौटाला हरियाणा से बाहर जेजेपी का कुनबा बढ़ाने की तैयारी में हैं। वहीं दादा ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई के बाद बढ़ी उनकी सक्रियता दुष्यंत चौटाला के लिए बड़ी चुनौती है। इसके कारण जेजेपी अन्य राज्यों में भी सक्रिय होने की तैयारी में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 11:36 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:44 PM (IST)
दादा ओमप्रकाश चौटाला की सक्रियता से काडर को हरियाणा में जजपा में रोकना दुष्यंत के लिए बड़ी चुनौती
दुष्यंत चौटाला व ओम प्रकाश चौटाला की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की भाजपा सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी अब अपना राजनीतिक कुनबा बढ़ाने की तैयारी में है। हरियाणा में संगठन का विस्तार करने के साथ-साथ डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की निगाह समीपवर्ती राज्यों में संगठन का दायरा बढ़ाने पर है। हरियाणा से सटे राज्यों दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश के साथ राजस्थान में जजपा संगठन खड़ा करने की रणनीति पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है।

इनेलो से अलग होने के बाद जननायक जनता पार्टी ने पहली बार में ही 10 विधायक जिताकर जिस तरह भाजपा सरकार में भागीदारी निभाई, उससे संगठन की भविष्य की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दुष्यंत के दादा इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की सजा भी अब पूरी हो चुकी है। चौटाला पूरे राज्य के दौरे पर निकल पड़े हैं। किसान संगठनों के आंदोलन में शामिल होकर चौटाला अपनी हरियाणा परिक्रमा की शुरुआत कर चुके हैं। दादा के फील्ड में सक्रिय होते ही अब पोते के सामने न केवल पार्टी काडर को अपने साथ जोड़े रखने की चुनौती है, वहीं जजपा का दायरा बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी भी आन पड़ी है।

अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव है। उत्तर प्रदेश के चुनाव भी सिर पर हैं। दिल्ली में कुछ सीटों पर जजपा और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं। राजस्थान को दुष्यंत और अभय दोनों ही अपनी रिश्तेदारियों का गढ़ मानते हैं। ऐसे में पार्टी के प्रदर्शन को न केवल बरकरार रखने, बल्कि पहले से अधिक अच्छे नतीजे देने के लिए उन्हें खूब मेहनत करनी पड़ सकती है। हालांकि संगठनात्मक गतिविधियों का काम दुष्यंत ने अपने छोटे भाई दिग्विजय चौटाला पर छोड़ दिया है, लेकिन सरकार के कामकाज से समय निकालकर दुष्यंत को भी अपने अनुभव के जरिये दूसरे राज्यों में जजपा का मजबूत आधार तैयार करना होगा।

दुष्यंत ने हाल ही में संगठन विस्तार के संकेत भी दिए हैं, जबकि उनके भाई दिग्विजय ने तो पंजाब व उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लडऩे की संभावना से भी इन्कार नहीं किया है। चुनाव की परिस्थितियां क्या और कैसे बनेंगी, यह हालांकि नीतिगत विषय है, लेकिन इतना तय है कि दुष्यंत और दिग्विजय की जोड़ी लगातार संगठन में नई नियुक्तियां करते हुए दूसरे राज्यों में पार्टी का जनाधार खड़ा करने की दिन रात प्लानिंग कर उसे सिरे चढ़ाने में लगे हैं।

दुष्यंत चौटाला का कहना है कि जननायक जनता पार्टी का परिवार बढ़ाया जाएगा। इसके लिए निरंतर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डा. अजय चौटाला का मार्गदर्शन हासिल किया जा रहा है। जजपा का फोकस फिलहाल अपने दादा के उस काडर बेस कार्यकर्ता को अपने साथ रोके रखने पर है, जो किसी भी कारण से वापस इनेलो के साथ जुड़ सकता है। इसके लिए कार्यकर्ताओं के साथ संवाद की रणनीति को पैनापन दिया गया है।

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