क्रिकेटर युवराज सिंह की टिप्पणी दलित वर्ग के लिए अपमानजनक, हांसी की SP ने हाई कोर्ट में दिया जवाब
क्रिकेटर युवराज सिंह द्वारा दलितों के खिलाफ टिप्पणी मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हांसी की एसपी ने बताया कि जिस शब्द का प्रयोग युवराज द्वारा किया गया है वह हरियाणा पंजाब व चंडीगढ़ में एससी वर्ग से संबंधित है।
जेएनएन, चंडीगढ़। क्रिकेटर युवराज सिंह के खिलाफ हांसी में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआइआर मामले में बुधवार को हांसी की एसपी नितिका गहलोत ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाई कोर्ट को साैंपी। जांच रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया कि जिस अपमानजनक शब्द का प्रयोग युवराज सिंह द्वारा किया गया है वह हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में केंद्र के गजट के अनुसार एससी वर्ग से संबंधित है।
पुलिस की ओर से बताया गया कि युवराज सिंह जांच में शामिल हो चुके हैं। अभी तक की जांच में एक सर्वे करवाया गया था कि युवराज द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द के क्या मायने हैं । स्थानीय लोगों के बीच से इस सर्वे से सामने आया कि यह शब्द अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अपमानजनक शब्द के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही पुलिस ने दलील दी कि गूगल करने पर भी गूगल यह बताता है कि यह सब दलित वर्ग के लिए अपमानजनक टिप्पणी के रूप में इस्तेमाल होता है।
पुलिस ने युवराज की इस दलील को भी खारिज किया कि युवराज ने भांग पीने वालों के लिए इस शब्द का उपयोग किया था। हाई कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर रखने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। लेकिन कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए एफआइआर पर अगले आदेशों तक किसी भी किस्म की कार्रवाई किए जाने पर रोक जारी रखी।
बहस के दौरान इस मामले में शिकायतकर्ता के वकील अर्जुन श्योराण की तरफ से हांसी पुलिस पर आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस ने अभी तक सही जांच नहीं की है, जबकि जांच पर रोक के बारे में हाई कोर्ट ने कोई आदेश नहीं किया है। ज्ञात रहे कि क्रिकेटर युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैटिंग करते हुए दलित समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिस पर हांसी थाना शहर में उसके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को युवराज सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था।