हरियाणा में शराब पर कोविड सेस खत्म, फिर भी महंगी मिलेगी, एक साल के लिए होगी नई आबकारी नीति

हरियाणा कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। फिलहाल शराब नीति एक साल के लिए होगी। राज्य सरकार ने शराब पर से कोविड सेस हटा दिया है। हालांकि इसके बावजूद राज्य में शराब महंगी होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:35 AM (IST)
हरियाणा में शराब पर कोविड सेस खत्म, फिर भी महंगी मिलेगी, एक साल के लिए होगी नई आबकारी नीति
हरियाणा में शराब पर कोविड सेस खत्म। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने शराब कारोबारियों से मिले सुझाव के आधार पर एक साल के लिए राज्य की नई आबकारी पालिसी को मंजूरी प्रदान कर दी है। पिछले साल कोरोना की वजह से शराब ठेके 19 मई से आरंभ हुए थे, जो इस बार 20 मई को खत्म होंगे। शराब कारोबारियों के लिए इस साल नया वित्तीय वर्ष 20 मई से आरंभ होगा, जो अगले साल 19 मई तक चलेगा।

आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों ने अधिक राजस्व हासिल करने की मंशा से तीन साल, दो साल और एक साल के लिए तीन पालिसी तैयार की थी, लेकिन ज्यादातर ठेकेदार एक साल वाली पालिसी लागू किए जाने के पक्ष में थे। हरियाणा कैबिनेट की बैठक में भी एक साल वाली शराब पालिसी को मंजूरी प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी पालिसी को मंजूरी प्रदान की गई। पिछले साल वाली पालिसी से करीब सात हजार करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन का अनुमान था, जो कि इस बार आठ हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आबकारी एवं कराधान विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी, आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी और आबकारी आयुक्त आशुतोष राजन की पीठ थपथपाई। कोरोना में शराब की तस्करी और चोरी के बावजूद इतना राजस्व जुटाना किसी रिकार्ड से कम नहीं है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस विभाग के मंत्री हैं।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना के चलते एक साल से शराब पर लगाया जा रहा कोविड सेस अब खत्म कर दिया गया है। हालांकि शराब की न्यूनतम खुदरा बिक्री कीमतों में थोड़ा इजाफा जरूर होगा। इससे कोविड सेस खत्म होने के बावजूद शराब थोड़ी महंगी मिलेगी। देसी शराब, आइएमएफएस और बीयर पर निर्यात शुल्क कम कर दिया गया है। महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शराब ठेके अप्रैल से अक्टूबर तक सुबह आठ बजे से रात 11 बजे तक और नवंबर से मार्च तक सुबह आठ बजे से रात 10 बजे तक खोले जा सकेंगे। शहरों में सुबह आठ बजे से रात 12 बजे तक शराब की बिक्री होगी। शराब के ठेके पूरे एक वर्ष (365 दिन) के लिए आवंटित किए जाएंगे। बार लाइसेंस की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इथेनाल आधारित डिस्टिलेशन प्लांट को बढ़ावा

पेट्रोल में इथेनाल के समिश्रण और कृषि उपज के उचित उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए इथेनाल आधारित डिस्टिलेशन प्लांट स्थापित करने के लिए नाममात्र शुल्क के साथ एक नया लाइसेंस (ई-3/ई-3 ए) शुरू किया गया है। यदि किसी भी जोन में कोई ठेका कोविड कंटेनमेंट जोन में आने के कारण बंद या लगातार बंद रखा जाता है तो लाइसेंस फीस और कोटे को ठेके के बंद होने के दिनों के अनुपात में आनुपातिक रूप से माफ कर दिया जाएगा। बंद ठेके के माफ किए जाने वाले आनुपातिक लाइसेंस फीस और कोटे की गणना के प्रयोजन के लिए जोन की लाइसेंस फीस और कोटे को समान रूप से दोनों वेंडरों में विभाजित किया जाएगा।

दो से 50 रुपये तक था शराब पर कोविड सेस

हरियाणा में कोरोना के चलते एक साल से शराब पर दो से 50 रुपये तक कोविड सेस लगाया जा रहा था। देसी शराब के मामले में कोविड उप-कर पांच रुपये प्रति क्वार्टर, भारत में बनी विदेशी शराब के मामले में 20 रुपये प्रति क्वार्ट, स्ट्रांग बीयर के मामले में पांच रुपये एवं अन्य बीयर के मामले में दो रुपये और आयातित विदेशी शराब (आइएफएल) के मामले में 375 मिलीलीटर से बड़े पैक पर 50 रुपये प्रति पैक कोविड सेस लगाया जा रहा था।

शराब से जुटाए 6792 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2020-21 में कुल आबकारी संग्रहण 6792 करोड़ रुपये का रहा, जबकि पिछले साल सरकारी खजाने में 6361 करोड़ रुपये आए थे। इस तरह लाकडाउन और कोरोना में आर्थिक मंदी के बावजूद आबकारी राजस्व में 6.69 फीसद का इजाफा हुआ है। नई पालिसी में आबकारी राजस्व में 15 फीसद की बढ़ोतरी का लक्ष्य है।

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