हरियाणा में निगम आयुक्त हुए पावरफुल, कलेक्टर के अधिकार मिले, बकाया कर वसूली में आएगी तेजी
हरियाणा सरकार ने राज्य में निगम आयुक्तों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। निगम आयुक्तों को कलेक्टर के अधिकार भी दे दिए गए हैं। सरकार के इस कदम से भू राजस्व के बकाया करों व शुल्कों की वसूली में तेजी आएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जिला स्तर पर निगम आयुक्तों की नियुक्ति के बाद प्रदेश सरकार ने इन्हें पावरफुल करना शुरू कर दिया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने पंजाब भू-राजस्व अधिनियम के तहत नगर निगम आयुक्तों को अपने अधिकार क्षेत्र में कलेक्टर के अधिकार दिया है। इससे भू-राजस्व के बकाया करों और शुल्कों की वसूली में आसानी होगी।
वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सभी जिला नगर निगम आयुक्तों को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी के अधिकार भी प्रदान किए गए हैं। नगर निगमों के सभी अतिरिक्त आयुक्तों और संयुक्त आयुक्तों को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी की शक्तियां दी गई हैं। इसी प्रकार नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों को सहायक कलेक्टर द्वितीय श्रेणी के अधिकार दिए गए हैं। नगर निगमों के समस्त उप-नगर निगम आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों तथा जोनल कराधान अधिकारियों को उनके क्षेत्राधिकार में सहायक कलेक्टर ग्रेड-2 की शक्तियां दी गई हैं ताकि वे नगर निकायों को भू-राजस्व के बकाया के रूप में देय करों, शुल्कों एवं प्रभारों की वसूली कर सकें।
इंफ्रास्ट्रेक्चर निर्माण और मार्केट लिंकेज में निवेश पर कार्यशाला
स्फैक हरियाणा एवं ईएंडवाई कंपनी द्वारा इंफ्रास्ट्रेक्चर निर्माण एवं मार्केट लिंकेज में निवेश पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहीं कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमित्रा मिश्रा ने कहा कि फसल उत्पादन का एकत्रीकरण व सप्लाई चैन को सुदृढ़ करना जरूरी है। स्फैक के प्रबंध निदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी ने कहा कि बागवानी फसलों की मैपिंग कर 400 फसल कलस्टर बनाए हैं। प्रदेश में 600 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बन चुके हैं। पांच पैक हाउस का निर्माण हो चुका है और 35 पर कार्य चल रहा है। 120 अन्य पैक हाउस अगले दो वर्षोे में बनकर तैयार हो जाएंगे।