उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75% Employment पर फंसा पेंच, सरकार बीच का रास्ता निकालने की जुगत में

उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसद रोजगार को लेकर पेंच फंस गया है। सरकार का मानना है कि ऐसा कानून थोपने से निवेश पर विपरीत असर पड़ सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 09:05 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 08:51 AM (IST)
उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75% Employment पर फंसा पेंच, सरकार बीच का रास्ता निकालने की जुगत में
उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75% Employment पर फंसा पेंच, सरकार बीच का रास्ता निकालने की जुगत में

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसद रोजगार को लेकर पेंच फंस गया है। प्रदेश सरकार का मानना है कि हर उद्योग की अपनी जरूरत होती है। ऐसे में किसी भी उद्योग पर कोई कानून थोपा नहीं जा सकता। सरकार को लगता है कि यदि उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसद रोजगार का कानून बना दिया गया तो इसका राज्य में होने वाले निवेश पर विपरीत असर पड़ सकता है। ऐसे में 26 नवंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में रोजगार बिल आने की संभावना खत्म हो गई है।

हालांकि हरियाणा सरकार ने उद्योगों में 75 फीसद युवाओं की हिस्सेदारी का चैप्टर पूरी तरह से बंद नहीं किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्योग विभाग से राज्य में स्थापित इंडस्ट्री और उनमें काम करने वाले लोगों का समस्त ब्योरा तलब किया है। इस ब्योरे के आधार पर यह आकलन किया जा सकेगा कि हरियाणा में स्थापित उद्योग धंधों में मौजूदा रोजगार की स्थिति क्या है। सरकार कोई बीच का रास्ता निकालने की जुगत में है, ताकि उद्यमी भी नाराज न हों और प्रदेश के युवाओं को भी पूरा रोजगार मिले।

हरियाणा की भाजपा सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) के संयोजक दुष्यंत चौटाला ने उद्योगों में राज्य के युवाओं को 75 फीसद रोजगार देने का वादा किया था। डिप्टी सीएम बनने के बाद दुष्यंत चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस मुद्दे पर बात की, जिसके बाद सरकार इस मांग से पूरी तरह सहमत दिखी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला ने सार्वजनिक मंच से हरियाणा के युवाओं को 75 फीसद रोजगार का कानून बनाने का संकेत भी दिया, लेकिन जब इसे धरातल पर लाने की बारी आई तो उद्यमियों ने हर तरह की संभावनाओं पर विचार करने की पेशकश सरकार के सामने की है। ऐसे में ठोस कानून बनाने से पहले सरकार सर्वमान्य नतीजे पर पहुंचना चाहती है, ताकि हरियाणा में इंडस्ट्री लगाने वाले उद्यमियों को किसी तरह का नुकसान न उठाना पड़े।

उद्योग विभाग से पूरी रिपोर्ट तलब

सीएम मनोहर लाल कहना है, ''हम राज्य में स्थापित उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसद रोजगार देने के हक में हैं। यह व्यवस्था बहुत पहले से है। तकनीकी तौर पर यह कई बार संभव नहीं हो पाता। हमने उद्योग विभाग से पूरी रिपोर्ट तलब की है। कितनी इंडस्ट्री है और उसमें काम करने वाले लोग कौन-कौन हैैं। कितने लोग काम करते हैैं। यह स्थिति पूरी तरह से शादी-विवाह की तरह है, जिसमें दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है। उद्योग धंधे हरियाणा के युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देंगे। कोई कानून थोपा नहीं जा सकता। फिर भी तमाम तरह की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट का इंतजार है।''

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