जोगिया सब जानता है: सीएम चले नई राह, अब प्रयोग ही धर्म है, पढ़ें हरियाणा की सियासत की रोचक खबरें,

जोगिया सब जानता है हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल सियासत में नए प्रयो‍ग कर रहे हैं। वह व्‍यवस्‍था परिवर्तन के लिए नए प्रयोग करने से नहीं चूक नहीं रहे हैं। जा‍ेगिया सब जानता है स्‍तंभ के तहत पढ़ें हरियाणा की सियासत की रोचक खबरें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 11:54 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 11:54 AM (IST)
जोगिया सब जानता है: सीएम चले नई राह, अब प्रयोग ही धर्म है, पढ़ें हरियाणा की सियासत की रोचक खबरें,
हरियाणा के सीएम मनोहरहाल की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [बिजेंद्र बंसल]। तमाम राजनीतिक उठक-पठक के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल व्यवस्था परिवर्तन के लिए नए प्रयोग करने में चूक नहीं कर रहे हैं। इन नए प्रयोगों से मुखियाजी को ऐसी जानकारी मिल रही हैं जो उनके लिए नई हैं मगर आम जनता उनसे त्रस्त हैं। अब मुखियाजी जिस भी जिला में जाएंगे, उसमें उनका काफिला कुछ समय तय से अलग रूट पर भ्रमण करेगा। इसकी शुरूआत मुखियाजी ने फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद की।

मुखियाजी ने पुलिस आयुक्त सहित अपनी पायलट गाड़ी को भी अपनी गाड़ी के पीछे करवा दिया और चल दिए शहर का भ्रमण करने। हालांकि इस दौरान मुखियाजी को पिछले साढ़े छह साल के कार्यकाल में पहली बार सिर्फ जाम में फंसने का ही नहीं बल्कि गाड़ी बैठे हुए टूटी सड़कों के गड्ढों से हिचकोलों को भी आभास हुआ। मुखियाजी ने सूक्ष्म स्तर पर की इस प्रयोगधर्मिता के बाद अधिकारियों  कह दिया, काम तो करना पड़ेगा।

मेरी आएगी बरात, सफाई करा दो सीएम सर

घर के आगे गंदगी और अधिकारियों का सफाई कराने के लिए गंभीर न होना आम बात है। कोरोना संक्रमण काल में किसी ने अपनी बेटी की शादी के इंतजाम घर पर ही किए हों तो फिर घर के सामने की सफाई खुद करानी पड़ती है। वर पक्ष का स्वागत तो वधू पक्ष का धर्म भी है। फरीदाबाद में 11 फरवरी को एक बिटिया ने अपनी शादी से ठीक पांच दिन पहले घर के आगे की गंदगी को लेकर मुखियाजी को ट्वीट कर दिया।

मुखियाजी के आदेश पर बेटी के घर के आगे गंदगी तुरंत साफ हो गई। मगर प्रदेश के कई क्षेत्रों में गंदगी का यही आलम है। खैर, पर्वतीय कालोनी की एक बिटिया ने अपनी शादी से 15 दिन पहले सीएम को घर के आगे की गंदगी साफ करवाने के लिए ट्वीट किया है। अब देखते हैं कि 27 अप्रैल से पहले यह गंदगी साफ होती है या नहीं।

यह उत्सव हर साल मनना चाहिए

चौरासी पाल में पंडितों का बड़ा गांव सदपुरा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का पैतृक गांव है। यह गांव यूं भी चर्चा में रहता है कि इस गांव ने दो विधायक दिए हैं। खैर, इस बार इस गांव की पूरे सूबे में चर्चा का कुछ अलग कारण रहा।  पिछले दिनों खबर आई कि मंत्री ने गांव के स्थापना दिवस पर गांव के बुजुर्गों का सम्मान किया। इसके बाद चर्चा में कुछ ने मंत्री की प्रशंसा की तो कुछ ने सवाल भी उठाए।

प्रशंसा इस बात की कि मंत्री ने अपने गांव को किसी भी बहाने से याद किया। सवाल ये उठे कि गांव का स्थापना दिवस हर साल मनेगा या सिर्फ तब तक जब तक मूलचंद मंत्री हैं। बुजुर्गों का तो यह भी मानना है कि सत्ता के साथ तो मंत्री-विधायकों के भी जन्मोत्सव खूब मनाए जाते हैं मगर कुछ उत्सव तो ऐसे होने ही चाहिए जो हर साल मनाए जाएं।

एक पथ के पथिक

मुखियाजी व्यवस्था परिवर्तन के लिए प्रयोगधर्मी हो रहे हैं तो उनके पथ पर चलने का प्रयास कर रहे कुछ माननीय भी नए प्रयोग करने में जुट गए हैं। नांगल चौधरी से भाजपा के विधायक डा. अभय सिंह यादव भी अपने प्रेरणास्रोत मुखियाजी की तरह प्रयोगधर्मिता के पथ पर चल पड़े हैं। हालांकि डा. यादव ने पहला प्रयोग राजनीतिक किया मगर इसमें उन्हेंं खूब आनंद आया। असल में डा. यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी सरपंचों को एक भोज रखा। इसमें उन्होंने शर्त रखी कि सरपंच परिवार के साथ आएं।

अब ग्रामीण इलाके में परिवार के साथ राजनीतिक भोज में कहां पहुंचते हैं मगर जब खुद डाक्टर साहब ने कहा कि वे भी परिवार के साथ आएंगे। विधायक सपत्नीक भोज में आए तो इसकी खूब चर्चा हुई। सरपंचों ने भी डाक्टर साहब की प्रशंसा की क्योंकि वह सपत्नीक तो जिला कलेक्टर रहते हुए भी किसी भोज में नहीं गए थे।

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