रंजीत हत्‍याकांड: सीबीआइ जज ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर हाईकोर्ट में पेश किया पक्ष, फैसला सुनाने पर राेक जारी

Ranjit Singh Murder Case रंजीत सिंह हत्‍यकांड में पंचकूलरा की सीबीआई कोर्ट पर फैसलाा सुनाने को लेकर रोक जारी रहेगी। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट के जज ने हाई कोर्ट में खुद पर लगे आरोपों का जवाब दाखिल किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 06:48 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 06:48 PM (IST)
रंजीत हत्‍याकांड: सीबीआइ जज ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर हाईकोर्ट में पेश किया पक्ष, फैसला सुनाने पर राेक जारी
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Ranjit Singh Murder Case: डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड में अपने ऊपर लगे आरोपों पर स्पेशल सीबीआई जज सुशील कुमार गर्ग ने एक सील बंद लिफाफे में अपनी टिप्पणियां हाई कोर्ट में पेश की। सीबीआइ्र कोर्ट के फैसले सुनाने पर रोक अभी जारी रहेगी।

डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड का मामले में अभी फैसला नहीं

हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता व अन्य पक्षों ने मामले को अन्य सीबीआइ जज को स्थानांतरित करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने इन पक्षों को स्पेशल सीबीआई जज सुशील कुमार गर्ग की आरोपों पर पेश टिप्पणियों का निरीक्षण करने की अनुमति दी। हालांकि, हाई कोर्ट ले ने सीबीआइ जज की टिप्पणियों की कॉपी देने की उनकी मांग को खारिज कर दिया।

सीबीआइ ने भी अपने वकील का बचाव कर आरोपों का नकारा

कोर्ट ने सीबीआई जज सुशील कुमार गर्ग की हाई कोर्ट दी गई टिप्पणियों को सीलबंद लिफाफे में रखने का आदेश भी दिया। लेकिन, कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जज की टिप्पणियों को केवल देखने की इजाजत है । सीबीआइ कोर्ट परिसर का सीसीटीवी फुटेज भी जज की टिप्पणियों का हिस्सा है कोर्ट ने उसे भी सीलबंद लिफाफे में रखे जाने का आदेश दिया। सीबीआइ ने अपने जवाब में इस केस के स्थानांतरण के संबंध में निर्णय लेना हाई कोर्ट पर छोड़ दिया

सीबीआइ ने अपने विस्तृत जवाब में अपने वकील केपी सिंह लगाए गए आरोपों से बचाव किया। उन्‍होेंने किसी भी प्रकार के प्रभाव के आरोपों से इनकार करते हुए अपने लोक अभियोजक केपी सिंह का बचाव किया। सीबीआइ ने हाई कोर्ट को बताया कि एचपीएस वर्मा और डीएस चावला को विशेष रूप से इस मामले में सीबीआइ का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया है, लेकिन इस मामले में केपी सिंह की उपस्थिति संदेह से परे है। वह सीबीआइ अदालत में सीबीआइ के नियमित वकील होने के नाते सीबीआई के हित में कोर्ट में मौजूद रह कर सहायता कर सकते हैं। सीबीआइ ने कहा कि इससे पहले किसी ने भी ट्रायल के दौरान कोई आपत्ति नहीं जताई

सभी पक्षों को जज व सीबीआइ के जवाब पर पक्ष रखने का दिया आदेश

इसी के साथ सुनवाई के दौरान सभी पक्षों के वकीलों ने सीबीआइ जज की टिप्पणियों व सीबीआइ के जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की कोर्ट से मांग की। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश् जारी रखते हुए सीबीआइ कोर्ट पंचकूला को इस मामले में दो सितंबर तक फैसला न सुनाने का भी आदेश दिया।

मामला क्या है

हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई कि विशेष सीबीआइ जज सुशील गर्ग को फैसला सुनाने से रोका जाए। फैसला सुनाने के लिए पंजाब, हरियाणा या चंडीगढ़ में किसी अन्य विशेष सीबीआइ जज को यह मामला स्थानांतरित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता रंजीत सिंह का पुत्र है।

जगबीर के अनुसार उसे आशंका है कि सीबीआइ जज सीबीआइ के एक अन्य वकील केपी सिंह, जो इस केस में सीबीआइ के वकील नहीं हैं, मामले को प्रभावित कर रहे हैं। वह वकील अन्य मामलों में सीबीआइ की पैरवी करता है, लेकिन इस मामले में नहीं। फिर भी वह इस मामले में अनुचित तरीके से रुचि लेता है।

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