हरियाणा में विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार संभव, भाजपा-जेजेपी में सहमति के संकेत

हरियाणा में मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले हो सकता है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इसके संकेत दिए हैं कि गठबंधन के दोनों दलों भाजपा व जेजेपी के बीच इस पर सहमति बन गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:12 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:27 AM (IST)
हरियाणा में विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार संभव, भाजपा-जेजेपी में सहमति के संकेत
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की फाइल फोटो।

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले हो सकता है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दोनों दलों के बीच बनी सहमति के आधार पर इसके संकेत दिए हैं। हालांकि वीरवार को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल की संसद सत्र में व्यस्तता के चलते गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री 17 दिसंबर से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा सत्र से पहले एक बार फिर दिल्ली पहुंच सकते हैं, ताकि गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात हो सके।

मंत्रिमंडल विस्तार सहित राज्य में लंबित राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल 26 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। इसके बाद अब सीएम को अंतिम मुहर के लिए पार्टी शीर्ष नेतृत्व से मिलना है। इस मुलाकात में ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल को राज्य में किसान संगठनों आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी के संदर्भ में दिशा-निर्देश मिल सकते हैं।

तीन कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद मुख्यमंत्री सैद्धांतिक रूप से यह साफ कर चुके हैं कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे मगर इनकी प्रक्रिया क्या होगी, यह तय दिल्ली दरबार से तय होगा। मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और राज्य भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की बात कह चुके हैं। इसलिए राज्य सरकार की नजर चार दिसंबर तक किसान संगठनों की रणनीति पर रहेगी।

दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून के मुद्​दे पर भी अपना नजरिया साफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इसके लिए एक कमेटी गठन का प्रस्ताव दिया है। इसमें किसान संगठनों के नेताओं को भी केंद्र सरकार आमंत्रित कर चुकी है। किसान संगठनों के अलावा देश के कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री भी इस कमेटी में रहेंगे। सीएम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि केंद्र सरकार के स्पष्ट नजरिये के बाद अब दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठन वापस अपने घर लौट जाएंगे।

एसवाइएल नहर निर्माण ही है दिल्ली से पानी विवाद का हल

दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के साथ पानी विवाद पर कहा कि इसका निदान एसवाइएल नहर निर्माण ही है। वर्षों से लटक रहे इस नहर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला दिया है। अभी तक हरियाणा को यमुना नदी और भाखड़ा बांध से जो पानी मिलता है, उसमें से हरियाणा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ही दिल्ली को पानी दे रहा है। एसवाइएल नहर का निर्माण हो जाएगा तो निश्चित तौर पर हरियाणा अतिरिक्त पानी में से दिल्ली के लिए दी जाने वाली मात्रा भी बढ़ा देगा।

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