हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, राज्‍य में भी 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद, 12वीं का Exam स्थगित

काेरोना के बढ़ते मामलों के कारण हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्‍य में 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद कर दी गई हैं। इसके साथ ही 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी स्‍थगित कर दी गई है। 12वीं परीक्षा की तिथि बाद में घोषित होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 02:34 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:30 PM (IST)
हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, राज्‍य में भी 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद, 12वीं का Exam स्थगित
हरियाणा में 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद कर दी गई है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ,जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं रद होने के बाद हरियाणा सरकार ने भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी सी 10वीं की परीक्षाएं रद कर दी हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ चर्चा की, जिसके बाद 10वीं की परीक्षाएं रद करने का फैसला लिया गया। 12वीं की परीक्षाएं भी अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। इन पर एक जून को अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

अधिकारियों से फीडबैक के बाद हरियाणा सरकार ने लिया केंद्र सरकार की तर्ज पर फैसला

केंद्र सरकार ने बुधवार को देश भर में सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं रद कर दी थी और 12वीं की परीक्षाएं 30 मई तक स्थगित की थी। उम्मीद की जा रही थी कि हरियाणा सरकार भी इसी तरह का फैसला लेगी, लेकिन ऐसा करने से पहले शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना का असर बढ़ता जा रहा है। यह बच्चों को अपनी चपेट में ज्यादा ले रहा है। इसलिए अभिभावकों की चिंता को समझते हुए किसी तरह का रिस्क लेना उचित नहीं है।

आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मिलेंगे 10वीं के बच्चों को अंक, 12वीं की परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित

शिक्षा अधिकारियों से मिले फीडबैक के आधार पर मंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि कोरोना का असर बच्चों पर पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने बच्चों व अभिभावकों के हित में सही कदम उठाया है। इसलिए हरियाणा को भी 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद कर देनी चाहिए। शिक्षा मंत्री ने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) के आधार पर स्कूल 10वीं के बच्चों का रिजल्ट जारी करेंगे। यदि किसी बच्चे को इस असेसमेंट पर आपत्ति है और वह संतुष्ट नहीं है तो स्थिति सामान्य होने के बाद वह 10वीं की परीक्षा दे सकता है। अन्यथा 10वीं के सभी बच्चों को अगली क्लास के लिए प्रमोट कर दिया जाएगा।

 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ही 12वीं की परीक्षा से जुड़े सवाल पर कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर हमने इन परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित कर दिया है। एक जून को केंद्र सरकार ने बैठक बुलाकर अगला निर्णय लेने की बात कही है। हम भी जल्दी बैठक कर 12वीं की परीक्षाओं पर कोई निर्णय लेंगे। बता दें कि 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं 22 अप्रैल से आरंभ होनी थी और 15 मई तक चलनी थी, जबकि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 20 अप्रैल से आरंभ होकर 17 मई तक आयोजित की जानी थी।

 दिनचर्या में पढ़ाई का समय तय करें बच्चे

शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बच्चों को सलाह दी है कि वह अपने घरों में रहकर पढ़ाई से कतई दूर न रहें। उन्हें निरंतर अपनी पढ़ाई प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। बचे हुए सलेब्स को दोहराना चाहिए। वरना उनकी पढ़ने की आदत पर असर पड़ सकता है। कंवरपाल गुर्जर के अनुसार बच्चे अपने पूरे दिन की दिनचर्या सेट कर लें और उसी में पढ़ाई का समय निश्चित कर लें। इससे उनका रूटीन नहीं टूटेगा और वह किताबों के बेहद नजदीक रहेंगे।

 पिछले साल नहीं हुई 10वीं की विज्ञान और वैकल्पिक विषयों की परीक्षाएं

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की हर वर्ष 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में औसतन साढ़े तीन लाख और ढ़ाई लाख विद्यार्थी बैठते हैं। पिछले वर्ष 10वीं की परीक्षा में तीन लाख 37 हजार 691 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें से दो लाख 18 हजार 120 उत्तीर्ण हुए एवं 32 हजार 501 परीक्षार्थियों की कंपार्टमेंट आई थी। 87 हजार 70 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण रहे। पिछले वर्ष 10वीं की परीक्षा में 64.59 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए थे।

10वीं की परीक्षा में छात्राओं ने ही बाजी मारी थी। लड़कियों का पास प्रतिशत 69.86 रहा और 60.27 प्रतिशत लड़के पास हुए। लड़कियों ने लड़कों से 9.59 फीसदी ज्यादा पास प्रतिशत देकर बढ़त हासिल की। नारनौंद (हिसार) की ऋषिता ने 500 में से 500 अंक लाकर टाप किया था। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में विज्ञान और वैकल्पिक विषयों के पेपर नहीं हो पाए थे। इन विषयों के औसत अंक के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया था।

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