भाजपा विधायकों ने मनोहरलाल सरकार पर बनाया हरियाणा में बाजरे के भावांतर भरपाई मूल्य में बढ़ोतरी का दबाव

Millet Price in Haryana हरियाणा में बाजरे के भावांतर भरपाई मूल्‍य में वृद्धि की मांग जोर पकड़ने लगी है। दक्षिण हरियाणा के भाजपा विधायकों ने मनोहरलाल सरकार पर इसके लिए दबाव बढ़ा दिया है। दक्षिण हरियाणा के छह भाजपा विधायकों ने राज्‍य सरकार से मांग की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 11:51 AM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 11:51 AM (IST)
भाजपा विधायकों ने मनोहरलाल सरकार पर बनाया हरियाणा में बाजरे के भावांतर भरपाई मूल्य में बढ़ोतरी का दबाव
हरियाणा में बाजरा के भावांतर भरपाई मूल्‍य में वृद्धि की मांग जोर पकड़ रही है। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ। Millet Price: हरियाणा में बाजरे के भावांतर भरपाई मूल्‍य में वृद्धि करने की मांग बढ़ रही है। दक्षिण हरियाणा के भाजपा विधायकों ने प्रदेश सरकार पर बाजरे के भावांतर भरपाई मूल्य में बढ़ोतरी या फिर सरकारी खरीद शुरू करने का दबाव बनाया है। बाजरे के भावांतर भरपाई मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव समेत दक्षिण हरियाणा के छह भाजपा विधायकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। इस दौरान डीएपी खाद की कमी का मुद्दा भी उठा।

मुख्यमंत्री से मिले राज्यमंत्री ओपी यादव सहित दक्षिण हरियाणा के छह विधायक

राज्य मंत्री ओपी यादव के साथ कोसली के भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव, नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता व अटेली के विधायक सीताराम दोपहर बाद मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। विधायकों ने सीएम को बताया कि प्रदेश में बाजरे की फसल का सर्वाधिक उत्पादन दक्षिण हरियाणा में होता है। वर्तमान में केंद्र सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपये प्रति क्विंटल रखा है। वहीं, प्रदेश सरकार ने इस साल बाजरे की खरीद की बजाय भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को 600 रुपये प्रति क्विंटल देने का निर्णय लिया है।

डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति कराने की मांग, मुख्यमंत्री ने दिखाया सकारात्मक रुख

भाजपा विधायकों ने कहा कि अनाज मंडी में बाजरे की खरीद 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल हो रही है। इसमें अगर भावांतर भरपाई के तहत किए जाना वाला भुगतान भी जोड़ दिया जाए तो भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा। इससे क्षेत्र के किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। इसलिए बाजरे के भावांतर भरपाई समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की जाए अन्यथा सरकारी खरीद कराई जाए। इसके अलावा क्षेत्र में चल रही डीएपी खाद की कमी को भी दूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक रुख दिखाते हुए तुरंत कदम उठाने की बात कही है।

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