हरियाणा में त्रिदेव सम्मेलन के लिए भाजपा विधायकों की जवाबदेही तय, पन्ना कमेटियों पर फोकस

हरियाणा भाजपा ने संगठनात्मक गतिविधियों का रोडमैप तैयार कर दिया है। राज्य में 71 हजार कार्यकर्ता सात लाख परिवारों में 71 लाख लोगों को राम-राम करेंगे। त्रिदेव सम्मेलन के लिए विधायकों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 03:32 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 03:32 PM (IST)
हरियाणा में त्रिदेव सम्मेलन के लिए भाजपा विधायकों की जवाबदेही तय, पन्ना कमेटियों पर फोकस
हरियाणा में त्रिदेव सम्मेलन के लिए विधायकों की जिम्मेदारी तय। सांकेतिक फोटो

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर भविष्य का रोडमैप तैयार किया है। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के बूते संगठन को बहुत नीचे तक लेकर जाने की तैयारी में है। पार्टी ने विधायकों और उम्मीदवारों को जहां हर विधानसभा स्तर पर त्रिदेव सम्मेलन आयोजित करने का काम दिया है, वहीं आजादी के आंदोलन में योगदान देने वाले गांवों तक पहुंचने की कार्ययोजना तैयार की है। विधायकों द्वारा त्रिदेव सम्मेलन की जिम्मेदारी का सही ढंग से आयोजन नहीं करने पर पार्टी नेतृत्व नाराज है।

प्रदेश सरकार के सात साल पूरे होने पर 27 अक्टूबर को भाजपा के 71 हजार कार्यकर्ता सात लाख घरों में राम-राम करने जाएंगे। इस दिन करीब 71 लाख लोगों से संपर्क साधने की योजना है। भाजपा की 39 साल बाद हुई प्रांतीय परिषद की बैठक में अगले साल अप्रैल माह तक की संगठनात्मक गतिविधियों की कार्ययोजना तैयार की गई है। भाजपा ने यूं तो सरकार के सात साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर दो बुकलेट तैयार कराई हैं, लेकिन प्रमुख रूप से लोगों को सात ऐसे काम या फैसलों की जानकारी दी जाएगी, जो लंबे समय तक लोगों को याद रह सकें। इन सात कामों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया चल रही है।

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, भूपेंद्र सिंह यादव, राव इंद्रजीत, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में तय हुआ कि भविष्य में प्रांतीय परिषद की बैठक दो दिन तक चलेगी, ताकि छोटे से छोटे कार्यकर्ता को मंच से अपनी बात कहने का मौका मिल सके। भाजपा ने विधायकों को हर विधानसभा क्षेत्र में त्रिदेव सम्मेलन करने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रांतीय परिषद की बैठक होने तक मात्र 22 विधानसभा क्षेत्रों में यह सम्मेलन हुए हैं। पार्टी इन सम्मेलनों में विधायकों की तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं।

बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने तथा लोगों तक पहुंच बनाने की रणनीति के लिए इन त्रिदेव सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। भाजपा नेतृत्व के पास जो रिपोर्ट पहुंची है, उसके मुताबिक जितनी विधानसभाओं में यह त्रिदेव सम्मेलन हुए हैं, उनमें पार्टी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति 75 फीसद से कम रही है। पार्टी ने बैठक में सभी विधायकों को 75 फीसद से ज्यादा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति के साथ यह सम्मेलन आयोजित करने का दायित्व सौंपा है। जिन क्षेत्रों में पार्टी के विधायक नहीं हैं, वहां पर पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और पार्टी उम्मीदवार मिलकर त्रिदेव सम्मेलन करेंगे।

भाजपा सरकार के सात साल पूरे होने पर 27 अक्टूबर को 70 हजार कार्यकर्ताओं की ड्यूटी सात लाख परिवारों तक पहुंचने की लगाई गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 71वां जन्मदिन मनाया है। लिहाजा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रस्ताव पर बैठक में 71 हजार कार्यकर्ताओं को 71 लाख लोगों तक संपर्क साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने फार्मूला दिया कि एक गांव-एक वार्ड में पार्टी के पास कम से कम 10 कार्यकर्ता हैं। सात हजार गांवों में 71 हजार कार्यकर्ता पूरे हो जाते हैं। 27 अक्टूबर को चूंकि डा. मंगलसेन की जयंती है, इसलिए सरकार के सात साल पूरे होने तथा डा. मंगलसेन को याद करते हुए इस दिन कार्यकर्ता लाखों लोगों तक पहुंचेंगे।

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर तक सभी बूथ कमेटियों का गठन करने तथा पार्टी के स्थापना दिवस अगले साल छह अप्रैल तक पन्ना कमेटियां बना लेने की रूपरेखा भी तैयार हुई है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भाजपा महिला मोर्चा ने दीपमाला करने, गीत गायन प्रतियोगिता कराने, युवा मोर्चा ने साइकिल यात्रा निकालने, किसान मोर्चा ने आजादी के आंदोलन में अपनी कुर्बानी देने वाले गांवों तक पहुंचने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर ठीक पौने 10 बजे 7500 स्थानों पर 75-75 कार्यकर्ताओं की टोली कौमी तराना गाएगी और वंदेमातरम का गायन करेगी।

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