ताऊ की वेबसाइट: Bigg Boss फेम सोनाली फोगाट बनी SDM की ढाल, जानें वजह, पढ़ें... हरियाणा की और भी रोचक खबरें

बिग बास फेम व भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट करनाल के एसडीएम पक्ष में खुलकर उतर आई हैं। एसडीएम की एक वीडियो वायरल हुई थी जिसके बाद वह निशाने पर थे। पढ़ें... हरियाणा के साप्ताहिक कालम ताऊ की वेबसाइट में रोचक खबरें...

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 01:37 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 01:37 PM (IST)
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बिग बास फेम भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट की फाइल फोटो।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। बिग बास फेम भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। पहले एक अधिकारी को पीटकर सुर्खियों में आई थी, अब एक अधिकारी की तरफदारी कर सुर्खियों में हैं। करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा की आंदोलनकारियों का सिर फोड़ने संबंधी वीडियो वायरल होने के बाद जिस तरह उस आइएएस अधिकारी के विरुद्ध मोर्चेबंदी हुई है, उसमें सोनाली फोगाट एसडीएम की ढालकर बनकर खड़ी हो गई। सोनाली हर बार की तरह इस बार भी फेसबुक पर लाइव आई और एसडीएम के आदेश को पूरी तरह जायज ठहराते हुए कह दिया कि यदि कोई गलत करेगा तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए। एसडीएम ने ऐसे आदेश देकर कुछ भी गलत नहीं किया है।

... और डाक्टर यदि सलाह दे देते तो

हरियाणा के हरदिल अजीज मंत्री अनिल विज की तबीयत वैसे तो मुख्यमंत्री के साथ हेलीकाप्टर में यात्रा करने की वजह से खराब हुई है, लेकिन इसके असली जिम्मेदार पीजीआइ रोहतक के डाक्टर ही हैं। अनिल विज अपनी गाड़ी से मुख्यमंत्री के भाई गुलशन कुमार खट्टर के देहावसान पर शोक व्यक्त करने रोहतक गए थे। उसी दिन मुख्यमंत्री को वापस चंडीगढ़ आना था। विज जैसे ही जाने लगे तो मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर चंडीगढ़ जा रहे हैं तो साथ चलते हैं हेलीकाप्टर में। उस समय पीजीआइ रोहतक के तमाम डाक्टर वहां मौके पर ही मौजूद थे। किसी डाक्टर ने विज को यह सलाह नहीं दी कि उन्हेंं कोरोना होकर निपटा है, इसलिए आसमान में हवाई यात्रा न करें। विज चल पड़े मनोहर के साथ। जैसे ही चंडीगढ़ लैंड किया, उनकी तबीयत खराब हो गई। खुद विज मानते हैं कि यदि डाक्टर उन्हेंं यात्रा करने से रोक देते तो वह हेलीकाप्टर से चंडीगढ़ न जाते।

बाबा से बैर तो कैसे मिलेगी खैर

सरकार भाजपा की हो... और बाबाओं को कोई छेड़ दे, क्या मजाल है किसी की। पहली बात तो कोई ऐसी जुर्रत नहीं करता और किसी ने कर भी ली तो हश्र करनाल जिले के एक खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक जैसा होना तय है। पहले इन्हीं अफसर महोदय की बात करते हैं। यंग ब्लड हैं। नाम है निशांत राठी। प्रदेश सरकार ने उन्हेंं निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में कारण तो दर्ज नहीं होता, लेकिन पता चला है कि इन महाशय ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी खुद मारी है। करनाल जिले की कुछ चावल मिलों पर एक प्रसिद्ध बाबा जी का आशीर्वाद है। कुछ लोग इसे गुमनाम पार्टनरशिप भी बताते हैं। गर्म खून इस अधिकारी ने इन चावल मिलों को सील कर दिया। बस फिर क्या था... बाबा से बैर करोगे और फिर कहां मिलेगी खैर।

अरे यार... पहले नहीं याद कराया

अफसरों के बारे में कहा जाता है कि वह कुर्सी पर रहते हुए कोई काम नहीं करते और कुर्सी से उतरते ही उन्हेंं अपने-अपने समाज की वह सामाजिक संस्थाएं याद आने लगती हैं, जिनमें बैठकर उनके द्वारा समाजसेवा के लंबे-चौड़े भाषण दिए जाते हैं। अपने काम कराने के लिए इन अफसरों से पूरे साल मत्था मारने वाले लोग जब रिटायरमेंट के आखिरी दिन उन्हेंं फोन करते हैं कि साहब मेरा फलां काम पेंडिंग है, आप उसे कर दो तो इन अफसरों का जवाब होता है कि अरे यार...आपने पहले याद नहीं कराया। आज तो मैं रिटायर हो रहा हूं। यह वही अफसर हैं, जो अपने रिटायरमेंट के बाद स्वयं के काम कराने के लिए मोटी-मोटी फाइलें कांख में दबाकर सचिवालयों में नजर आ जाते हैं।

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