सुशासन की दिशा में बड़ा कदम, हरियाणा के शहरी निकायों का नया माॅडल तैयार, विकास पर जोर

हरियाणा सरकार ने सुशासन की ओर एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने बेहतर विकास के लिए स्‍थानीय निकायों का नया मॉडल बनाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 05:55 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 05:55 PM (IST)
सुशासन की दिशा में बड़ा कदम, हरियाणा के शहरी निकायों का नया माॅडल तैयार, विकास पर जोर
सुशासन की दिशा में बड़ा कदम, हरियाणा के शहरी निकायों का नया माॅडल तैयार, विकास पर जोर

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा सरकार ने सुशासन की दिशा में एक और सार्थक कदम उठाया है। अब जिलों में उपायुक्तों को नगर पालिका, नगर परिषद का कामकाज से मुक्त कर दिया गया है। इनकी जगह पालिका और परिषद के कामकाज के लिए जिला स्तर पर निगम आयुक्त नियुक्त कर दिए हैं। ये जिला निगम आयुक्त एक जिला में सभी नगर पालिका, नगर परिषदों के संरक्षक की भूमिका में रहेंगे। सरकार के निणर्य के अनुसार नगर निगम वाले 11 जिलों में वहां के निगमायुक्त ही अन्य नगर पालिक या नगर परिषद के आयुक्त का जिम्मा संभालेंगे।

निकाय संस्थाओं के कामकाज के प्रभार से जिला उपायुक्तों को मुक्त कर नियुक्त किए जिला निगम आयुक्त

गुरुग्राम में फरुखनगर नगर पालिका के आयुक्त और गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त होंगे। इसके अलावा 11 अन्य जिलों में जिला निगम आयुक्त नियुक्त कर दिए गए हैं। इन अधिकारियों को 50 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति के अधिकार दिए गए हैं।

11 नगर निगम वाले जिलों में निगम आयुक्त और बकाया 11 जिलों में नए निगम आयुक्त संभालेंगे कामकाज

पहले जिला उपायुक्त को एक करोड़ रुपये तक खर्च करने के अधिकार थे। इससे पहले मनोहर सरकार जिला परिषदों और ग्रामीण विकास अधिकरण के कामकाज के लिए भी अलग से मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर चुकी है। राज्य सरकार ने मंगलवार देर रात 11 जिला निगम आयुक्तों के अलावा सात आइएएस और चार एचसीएस अधिकारियों का भी तबादला किया है।
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समन्वयक अधिकारी की भूमिका में होंगे उपायुक्त
हरियाणा के अब 22 जिलों में जिला उपायुक्त एक तरह से सभी विभागों के बीच समन्वयक अधिकारी की भूमिका में रहेंगे। मनोहर लाल सरकार चाहती है कि जिला उपायुक्त प्रतिदिन एक-एक विभाग की समीक्षा बैठक करें और विकास कार्यों में तेजी लाएं। इसके अलावा शहरी स्थानीय निकाय संस्थाओं संबंधी केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जिला निगम आयुक्त कार्य करें। जिला उपायुक्त अब आए दिन शहरी स्थानीय निकाय संस्थाओं के झगड़ों के निपटाने से भी मुक्त हो जाएंगे।
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हरियाणा सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय विकास कार्यों में गति बढ़ाने के लिए पहले जिला परिषद और अब नगर पालिक, नगर परिषद में यह प्रयोग किया है। गुजरात में यह यह प्रयोग तीन से चार जिलों के ऊपर एक रीजन म्यूनिसिपल कमिश्नर नियुक्त करके किया गया है। हरियाणा सरकार ने गुजरात के मॉडल का अध्ययन करके उससे बेहतर मॉडल चुनते हुए प्रत्येक जिला पर निगम आयुक्त नियुक्त किए गए हैं। अभी जिला निगम आयुक्तों को 50 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार दिया गया है मगर बाद में यह बढ़ाया जा सकता है।
                                           - डॉ.अमित कुमार अग्रवाल, प्रधान सचिव, शहरी स्थानीय निकाय विभाग।
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11 जिलों में नियुक्‍त किए गए जिला निगम आयुक्त
अधिकारी का नाम (बैच),                         जिला
-जयकृष्ण अबहीर (2012)-                    महेंद्रगढ़
-संगीता टेटरवाल (2013)-                      सिरसा
-मोनिका गुप्ता (2014)-                          पलवल
-दिनेश सिंह यादव (एचसीएस-1992)-      रेवाड़ी
-मुनीश नागपाल, (एचसीएस-2002)-        नूंह
-कुलधीर सिंह, (एचसीएस-2002)-             कैथल
-आशिमा सांगवान,(एचसीएस-2004)-       झज्जर

-अमृता सिंह, (एचसीएस-2002)-               भिवानी
-समवर्तक सिंह (एचसीएस-2002)-            फतेहाबाद
-डॉ.सुशील कुमार (एचसीएस-2011)-           जींद
-नरेंद्र पाल मलिक, (एचसीएस-2011)-        कुरुक्षेत्र
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7 आइएएस चार एचसीएस अधिकारियों के तबादले
सरकार ने 2018 बैच के चार आइएएस अधिकारियों को उनकी प्रशिक्षु अवधि खत्म होने के बाद नियुक्ति दी है। इनके साथ कुल 7 आइएएस और चार एचसीएस अधिकारियों के तबादले भी राज्य  सरकार ने किए हैं।
अधिकारी का नाम (बैच) , कहां से कहां नियुक्ति
-प्रीति (2015), एडीसी और सचिव आरटीए भिवानी से एडीसी व सचिव आरटीए अंबाला।
-राहुल निरवाल (2016), एसडीएम बेरी से अतिरिक्त उपायुक्त एवं सचिव आरटीए भिवानी।
-अभिषेक मीणा (2016) , एसडीएम महम से अतिरिक्त उपायुक्त एवं सचिव आरटीए महेंद्रगढ़।
-अखिल पिलानी (2018), अंबाला में प्रशिक्षु अधिकारी से एसडीएम थानेसर।
-अपराजिता  (2018), गुरुग्राम में प्रशिक्षु अधिकारी से एसडीएम बल्लभगढ़।
-आयुष सिन्हा (2018), करनाल में प्रशिक्षु अधिकारी से एसडीएम करनाल।
-सचिन गुप्ता (2018), भिवानी में प्रशिक्षु अधिकारी से एसडीएम अंबाला।
-रविंद्र यादव (एचसीएस-2013), एसडीएम रेवाड़ी से एसडीएम बेरी।
-बलिना (एचसीएस-2016),एसडीएम बल्लभगढ़ से एसडीएम हांसी।
-जीतेंद्र सिंह (एचसीएस-2019), एसडीएम हांसी से एसडीएम महम।
-मनोज कुमार (एचसीएस-2019), प्रतीक्षारत से एसडीएम रेवाड़ी।
 

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