हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, आउटसोर्स की भर्तियों में अनुसूचित जा‍ति के लोेगों को 20 फीसद आरक्षण

Haryana Recruitment हरियाणा सरकार ने आउटसोर्स से भर्तियों में बड़ा कदम उठाया है। राज्‍य सरकार ने राज्‍य में आउटसोर्सिंग से भर्तियों में अनुसूचित जाति के लोगों को 20 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया है। इसके साथ इस वर्ग के लोगों के लिए कई अन्‍य कदम उठाए गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:19 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:19 PM (IST)
हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, आउटसोर्स की भर्तियों में अनुसूचित जा‍ति के लोेगों को 20 फीसद आरक्षण
हरियाणा में आउटसोर्स से भर्तियों में अनुसूचित जाति के लोगों को 20 फीसद आरक्षण मिलेगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ, राज्‍य ब्यूरो। हरियाणा के सभी विभागों में आउटसोर्सिंग के तहत होने वाली भर्ती में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को 20 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने  अनुसूचित जाति के लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनी राज्य स्तरीय विजिलेंस एवं मानीटरिंग कमेटी की बैठक में अधिकारियों को आरक्षण व्यवस्था को लागू करने के स्पष्ट निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत होने वाली भर्तियों में अनुसूचित जाति के लोगों का हक नहीं दबना चाहिये।

 हरियाणा सरकार का दावा, हमारी सजगता से दलितों को मिलने लगा न्याय

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में राज्य में दलित उत्पीड़न के मामलों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दलित उत्पीड़न के मामलों में त्वरित न्याय की व्यवस्था की जाए लेकिन साथ ही यह भी देखा जाए कि एससी-एसटी एक्ट का बेजा दुरुपयोग न होने पाए।

मुख्यमंत्री ने इस बात से इन्कार किया कि राज्य में दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने आंकड़ों के आधार पर कहा कि हमने यह व्यवस्था की है कि हर फरियादी की एफआइआर दर्ज की जाए। एफआइआर दर्ज होने के बाद मामले की जांच होती है। ऐसे में एफआइआर की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन दलित उत्पीड़न के मामलों में कमी के साथ न्याय मिलने के प्रतिशत में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

 आर्थिक सहायता के लिए हर जिले में 50-50 लाख रुपये भेजेगी सरकार

सीएम मनोहरलाल ने हर जिले को 50-50 लाख रुपये भेजने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए, ताकि अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी तरह की उत्पीड़न संबंधी घटना होने पर पीड़ित परिवार को समय पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा सके। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक, सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल, मुलाना के विधायक वरूण चौधरी, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता और शाहबाद के विधायक रामकरण काला की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर छह महीने के अंतराल पर विजिलेंस एवं मानीटरिंग कमेटी की बैठक बुलाई जाए।

मनोहरलाल ने अधिकारियों से कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न के मामलों में दी जाने वाली कानूनी सहायता राशि भी बिना किसी देरी के जारी की जानी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अनुसूचित जाति के लोगों की बस्तियों तथा प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग या बैनर लगाए जाएं। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि अनुसूचित जाति के लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के मकसद से हर सांसद व विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में सेमीनार कराना सुनिश्चित करे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ खास क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीडऩ के मामलों के पीछे के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव विजयवर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, गृह विभाग-वन के सचिव टीएल सत्यप्रकाश और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की महानिदेशक रेणु एस फुलिया ने भागीदारी की।

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