हरियाणा भाजपा व जजपा दिग्गजाें में दिल्ली दरबार में 'पावरफुल' दिखने की हो़ड़, जानें क्यों लटक रहा कैबिनेट विस्तार
हरियाणा के भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के दिग्गज नेता भाजपा के दिल्ली दरबार में खुद को पावरफुल दिखाने की कोशिश में लगे हैं। यही कारण है कि ये नेता दिल्ली के चक्कर लगाते रहते हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के भाजपा और जजपा नेताओं में खुद को दिल्ली दरबार में पावरफुल दिखाने की होड़ लगी है। यही कारण है कि वे दिल्ली के चक्कर लगाते रहे हैं। दूसरी ओर हरियाणा सरकार के मुखिया मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज की दिल्ली दौड़ के बावजूद हाल-फिलहाल न तो मंत्रिमंडल में बदलाव होने जा रहा है और न ही विस्तार की कोई संभावना है। प्रदेश सरकार अपनी सुविधा अनुसार बोर्ड एवं निगमों के एक-एक या दो-दो चेयरमैन जरूर नियुक्त कर सकती है। मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार दीपावली के आसपास होने की उम्मीद है। तब तक राज्य सरकार पंचायत, शहरी निकाय और ऐलनाबाद विधानसभा सीट के उपचुनाव से भी फारिग हो चुकी होगी।
हाल फिलहाल नहीं होने जा रहा मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार
दीपावली का त्योहार चार नवंबर को है। इससे पहले हरियाणा सरकार एक नवंबर को राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस समारोह का आयोजन करेगी। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में कई दिनों से मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात और उनके दो दिन के दिल्ली प्रवास ने मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों को ज्यादा तेज किया है।
सीएम मनोहर लाल को संघ दरबार से मिला काम करने में फ्री-हैंड
मुख्यमंत्री के तुरंत बाद गृह मंत्री अनिल विज भी दिल्ली पहुंच गए और जेपी नड्डा व अमित शाह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री व गृह मंत्री के दिल्ली प्रवास के कई मतलब निकाले जा सकते हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं होने जा रहा है। न तो मंत्रिमंडल में कोई बदलाव हो रहा और न ही विस्तार की अभी कोई संभावना है।
मुख्यमंत्री अब तक तीन बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। उनके पीछे-पीछे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी
दिल्ली पहुंच जाते हैं। इस बार दुष्यंत की बजाय अनिल विज दिल्ली पहुंचे। मुख्यमंत्री की दिल्ली में आरएसएस व भाजपा के सीनियर नेताओं से लंबी मंत्रणा, अनिल विज की नड्डा व शाह से मुलाकात तथा दुष्यंत चौटाला की हाईकमान से बढ़ती नजदीकियां इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि सब अपनी-अपनी जगह पावरफुल बने रहने की कसरत कर रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी पिछले दिनों जेपी नड्डा से मिले। इस तमाम कवायद के बीच उन विधायकों की धड़कन लगातार बढ़ती जा रही है, जो मंत्रिमंडल में किसी के हटने का इंतजार करते हुए अपनी बारी की बाट जोह रहे हैं।
बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन भी धीरे-धीरे बनाएगी राज्य सरकार
ठीक इसी तरह का हाल उन मंत्रियों का भी है, जिन्हें कैबिनेट से हटाए जाने की आशंका है। दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद जिस तरह की रौनक मुख्यमंत्री के चेहरे पर नजर आ रही थी, उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि चाहे कैबिनेट में बदलाव या विस्तार का मामला हो अथवा बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन नियुक्त करने की बारी, दिल्ली बार्डर पर चल रहा किसान संगठनों का आंदोलन हो या फिर कोरोना से बचाव के लिए की गई तैयारियां, मुख्यमंत्री को हाईकमान ने खुलकर बैटिंग करने यानी स्वतंत्र रूप से बिना किसी दबाव के काम करने की हरी झंडी दे दी है। दिल्ली से लौटकर सीएम अब विपक्ष से निपटने की रणनीति तैयार करेंगे।
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'कोई खुश होता है तो होता रहे'
'' मंत्रिमंडल में बदलाव अथवा विस्तार की खबरों का आकलन करना मीडिया का काम है। ऐसी सूचनाओं या कयास से यदि कोई खुश होता है तो होता रहे, उसमें कुछ भी बुरा नहीं है।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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'विपक्ष स्वयं आकलन कर ले क्या सही'
'' हरियाणा की राजनीति में इस बार विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। रणदीप सुरजेवाला सरीखे कांग्रेस नेता सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाते हैं। उनके पास न तथ्य हैं और न मुद्दा। वह सरकार की अलोकप्रियता की बात करते हैं। इंदिरा गांधी, राहुल गांधी और खुद सुरजेवाला दो बार चुनाव हारे। मुख्यमंत्री अपने दोनों चुनाव जीते। इसलिए लोकप्रियता किसकी और अलोकप्रियता किसकी है, यह विपक्ष को स्वयं आकलन कर लेना चाहिए।
- विनोद मेहता, प्रधान मीडिया सलाहकार, सीएम, हरियाणा।