गुरमीत राम रहीम पर जल्द आ सकता है कोई बड़ा फैसला, पंचकूला सीबाआइ कोर्ट में रंजीत हत्या मामले में फाइनल बहस पूरी
जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में जल्द पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में कोई बड़ा फैसला आ सकता है। दरअसल रंजीत मर्डर केस में पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में फाइनल बहस परी हो गई है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। साध्वी यौनशोषण मामले में सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को लेकर जल्द ही पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में कोई बड़ा फैसला आ सकता है। पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में रंजीत सिंह हत्या मामले में बचाव पक्ष द्वारा फाइनल बहस आज हुई पूरी हो गई है। गुरमीत राम रहीम पर रंजीत सिंह हत्या मामले में अब जल्द फैसला आने की उम्मीद है।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर रंजीत हत्या आरोप मामले में आज वीरवार को सुनवाई हुई। सीबीआइ कोर्ट में आज करीब ढाई घंटे तक फाइनल बहस चली। मामले में मुख्य आरोपित गुरमीत राम रहीम के वकील अमित तिवारी की ओर से फाइनल बहस पूरी की गई। सुनवाई के दौरान मामले में मुख्य आरोपित राम रहीम और कृष्ण लाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश हुए।
वहीं मामले में अन्य आरोपित अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से CBI कोर्ट में पेश हुए। मामले की अगली सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी। 18 अगस्त को बचाव पक्ष फाइनल बहस के दस्तावेज कोर्ट में जमा करेगा। वहीं सीबीआइ कोर्ट द्वारा सीबीआइ से पूछा जाएगा कि क्या सीबीआइ कोई और बहस इस मामले में करना चाहती है। अगर सीबीआइ इस मामले में और कमेंट नहीं करने की बात कहेगी तो सीबीआइ कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखा जा सकता है। बता दें अभी गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में 2 साध्वियों के यौनशोषण के मामले में 20 साल की सजा व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
बता दें, रंजीत हत्या मामले में खट्टा सिंह ने राम रहीम को ही हत्या का दोषी बताया था। खट्टा सिंह (गुरमीत राम रहीम का पूर्व ड्राइवर) ने कोर्ट में बयान दिया था कि डेरा प्रमुख को लगता था कि साध्वियों के यौन शोषण के पत्र जगह-जगह भेजने के पीछे डेरा मैनेजर रंजीत सिंह का ही हाथ था। खट्टा सिंह ने कहा था, 'रंजीत ने गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी, इसलिए गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने के आदेश दिए थे।' रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या की गई थी।