भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से सात दिन तक हर रोज पूछेंगे सात सवाल

हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्‍य की मनोहरलाल खट्टर सरकार के सात साल पूरे होने पर रोज सात सवाल पूछेंगे। वह भाजपा - जजपा गठबंधन सरकार से सात दिनों तक रोज सात सवाल पूछेंगे। उन्‍होंने राज्‍य सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:12 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:12 AM (IST)
भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से सात दिन तक हर रोज पूछेंगे सात सवाल
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा सीएम मनोहरलाल व डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्‍य की मनोहरलाल सरकार के सात साल पूरे होने पर उससे सवाल पूूछेंगे। वह  प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से सात दिन तक हर रोज सात-सात सवाल पूछेंगे। हुड्डा ने कहा कि भाजपा अपने सात साल के कार्यकाल को उपलब्धियों से भरा होने का दावा करती है, लेकिन एक मजबूत और प्रभावी विपक्ष के नेता हम सरकार के इस दावे को सिरे से खारिज करते हैं। हुड्डा ने कहा कि यदि सरकार ने वास्तव में सात साल तक जनता के हित में काम किया है तो मुख्यमंत्री हर रोज मेरे द्वारा पूछे जाने वाले सात सवालों का जवाब दें। मैं यह सवाल लगातार सात दिन तक पूछूंगा।

सात साल में कोई नई परियोजना नहीं आने तथा बेरोजगारी बढ़ने का दावा

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा के पांच साल और भाजपा-जजपा गठबंधन के दो साल में प्रदेश में बेरोज़गारी बढ़ी है। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव और बड़े पैमाने पर लोगों की मौत इस सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खोलने के लिए काफी है। इससे बड़ा झूठ और क्या होगा कि कोरोना में लोगों को अस्पतालों में आक्सीजन नहीं मिली और लोगों ने अपने परिवार के सामने दम तोड़ दिया, लेकिन सरकार विधानसभा में कहती है कि आक्सीजन की कमी से राज्य में कोई मौत नहीं हुई है। ऐसा सुनने के बाद उन लोगों के दिल पर क्या बीती होगी, जिन्होंने कोरोना में आक्सीजन की कमी के चलते अपने परिवार के सदस्यों को खोया है।

हुड्डा ने कहा मुख्यमंत्री मनोहर लाल मेरे सात सवालों का हर रोज दें जवाब

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इन सात साल के भीतर हरियाणा से बड़ी मंजूरशुदा परियोजनाएं दूसरे राज्यों में चली गई हैं। महंगाई, डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों, प्रदेश पर कर्ज के बढ़ते बोझ, घटते बिजली उत्पादन सहित किसान संगठनों के आंदोलन ने इस प्रदेश की साख को बट्टा लगाया है। कांग्रेस के राज में जो हरियाणा विकास में नंबर वन होता था, भाजपा व जजपा ने उसे आखरी पायदान पर धकेल दियाा है। गठबंधन सरकार के लोगों का पूरा ध्यान पैसा कमाने और भ्रष्टाचार करने पर है। हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री की मर्जी है कि वे उनके द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जवाब दें या न दें, लेकिन हम सवाल पूछते रहेंगे।

हुड्डा ने इन सवालों के मांगे सरकार से जवाब

1. सरकारी महकमों में कर्मचारियों के कितने पद खाली हैं? इन पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा? पक्की भर्तियां करने की बजाय कच्ची भर्तियों से क्यों काम चलाया जा रहा?

2. कोरोना काल के दौरान आक्सीजन की कमी से कितने लोग मरे? कोरोना से मौत के आंकड़ों में अंतर क्यों आ रहा है?

3. कांग्रेस सरकार के समय मंजूर हुई रेल कोच फैक्ट्री और महम एयरपोर्ट की परियोजनाएं दूसरे प्रदेशों में क्यों चली गयी?

4. महंगाई और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से आम हरियाणवी को राहत देने के लिये प्रदेश सरकार ने क्या कदम उठाये?

5. सात साल में प्रदेश में कोई बड़ी परियोजना, उद्योग, संस्थान, नई मेट्रो लाइन या रेलवे लाइन क्यों नहीं आ पाई?

6. कांग्रेस कार्यकाल में चार पावर प्लांट बने थे। हम सरप्लस बिजली देते थे। अब उत्पादन क्यों घट रहा है?

7. किसन संगठनों के आंदोलन का सकारात्मक समाधान निकालने के लिए प्रदेश सरकार ने क्या कदम उठाए?

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